पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर ने कुछ दिनों पहले ‘टू नेशन थ्योरी’ समझाया था. बताया था कि कैसे हिन्दू और मुसलमान अलग अलग हैं और उसके बाद पहलगाम जैसा नृशंस हमला हो गया. तब से असीम मुनीर पर ही सवाल है. ऐसा लग रहा है कि यह सबकुछ असीम मुनीर की प्लानिंग के तहत हुआ. क्योंकि उनका मकसद कश्मीर पर नजर गड़ाना था. उस कश्मीर पर, जो पाकिस्तान की सोच से कोसों दूर जा चुका है. अब असीम मुनीर की इसी ‘टू नेशन थ्योरी’ की हवा जम्मू कश्मीर के ही बाशिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने निकाल दी है. उन्होंने चुटकी में समझा दिया कि ‘टू नेशन थ्योरी’ क्या है और कश्मीरियों के लिउ उसके मायने क्या हैं?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हमें अफसोस है कि हमारा पड़ोसी आज भी नहीं समझ पा रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है. अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करके हम पाकिस्तान के साथ चले जाएंगे तो हमें उनकी गलतफहमी दूर कर देनी चाहिए. हम 1947 में उनके साथ नहीं गए तो आज क्या जाएंगे? हमने ‘टू नेशन थ्योरी’ को पानी में फेंक दिया. आज भी हम ‘टू नेशन थ्योरी’ को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक हैं. सब मिलकर पाकिस्तान को जवाब देंगे. पाकिस्तान हमें कमजोर नहीं कर सकता