छत्तीसगढ़ मानसून के आगमन के पहले भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सुबह 8 बजे से चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश के मैदानी जिलों में तापमान 44 डिग्री के आस पास पहुंच गया है.
भीषण गर्मी के चलते दोपहर में लोगों का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो रहा है. सूर्य की जला देनी वाली किरणों से बचने के लिए मौसम विभाग के साथ अब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गाइडलाइन जारी किया गया है.
प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान में सर्वाधिक तापमान रायगढ़ जिले में 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.0°C बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में दर्ज किया गया. तेजी से बढ़ती गर्मी को लेकर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है. इसके अनुसार प्रदेश के उत्तरी भाग में अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है. इसके बाद बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने लोगों को लू से बचने और सावधानी बरतने के लिए लोगों से अपील की है. इसके साथ स्वास्थ्य विभाग ने आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किया है. डॉक्टरों ने कहा कि तापमान में वृद्वि के चलते भीषण गर्मी पड़ने और नागरिकों को लू लगने की संभावना है. जिससे आम जन जीवन व स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
लू के लक्षण क्या है?
सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना आदि लक्षण शामिल है.
लू से बचाव के क्या उपाय है?
इसके लिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए. धूप में निकलने से पहले सर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले. पानी अधिक मात्रा में पिएं. अधिक समय तक धूप में न रहें. गर्मी के दौरान मुलायम सूती कपड़े पहनें ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें. अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ. आर. एस. घोल पियें. चक्कर, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर आराम करें. पानी के साथ शीतल पेय का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें. इसका अलावा फलों के जूस, लस्सी, मठा आदि का सेवन भी खूब करें. प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निशुल्क परामर्श लें. उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में नजदीकी के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह लें.
लू लगने पर किया जाने वाला शुरुआती इलाज
बुखार से पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, कच्चे आम का पानी, जलजीरा आदि जैसी पेय का इस्तेमाल करें. पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटायें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें. पीड़ित व्यक्ति को जल्दी ही किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में इलाज के लिए ले जायें, आंगनबाड़ी मितानिन और ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें.
गर्मी में कैसे कपड़े पहने और क्या खाएं?
भीषण गर्मी में लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीयें भले ही प्यास न लगे, मिर्गी या हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए. हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें. अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस घोल, घर के बने पेय जैसे- लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें.
भीषण गर्मी में क्या न करें?
धूप में बाहर जाने से बचे, नंगे पांव बाहर न जाएं, दोपहर के समय खाना पकाने से बचें. शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बोनेटेड शीतल पेय से बचें, ये शरीर को निर्जलित करते हैं. अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचें.
भीषण गर्मी में क्या सावधानियां बरतें?
जितना हो सके घर के अंदर रहे, नमक, जीरा, प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं. बंद वाहन में बच्चे और पालतू जानवरों को अकेला न छोड़ें, पंखे और नम कपड़े का प्रयोग करें. ठंडे पानी में स्नान करें. अपने घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं और सामान पहुंचाने वाले लोगों को पानी पिलायें और पेड़ लगायें, सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों और कचरों को न जलायें.