Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कथित पीएससी घोटाले का विवाद थमने का नाम ही नहीं के रहा है. बीजेपी (BJP) दावा कर रही है कि कांग्रेस सरकार (Congress) में पीएससी के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है.
यही नहीं इस दावे के साथ बीजेपी के युवा मोर्चा (BJYM) ने सोमवार को हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री निवास घेरने की कोशिश की, लेकिन पुलिस प्रशासन की तरफ से भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की व्यवस्था की गई थी. इसके चलते बीजेपी के कार्यकर्ता तीन बेरीकेट के आगे नहीं बढ़ पाए, लेकिन पीएससी के मामले सियासी उबाल बढ़ गया है.
बीजेपी के युवा मोर्चा के इस आंदोलन में तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) भी पहुंचे थे. भीषण गर्मी में हजारों की संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर पसीना बहाया. कई जगह कार्यकर्ताओं और पुलिस के जवानों के बीच झड़प की स्थिति बन गई. भाजयुमो के पीएससी संग्राम में खास बात ये रही कि बीजेपी के नेताओं ने ये भी दावा किया है कि अगर छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनेगी तो पीएससी 2021 चयन सूची की सीबीआई जांच करवाई जाएगी.
तेजस्वी सूर्या ने लगाया ये आरोप
वहीं तेजस्वी सूर्या ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अफसर और कांग्रेस के नेताओं की संतान न होना आम नागरिकों के बच्चों के लिए गुनाह है. यहां सामान्य अभ्यर्थियों की योग्यता को दरकिनार कर पीएससी भर्ती घोटाला किया गया है. तेजस्वी सूर्या ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी और इसमें शामिल सभी लोगों को सजा दिलवाई जाएगी. उन्होंने कहा ” सीएम भूपेश बघेल की सरकार में अगर पीएससी में सलेक्शन पाना है तो कांग्रेस नेताओं और उनके नजदीकियों का बेटा-बेटी होना जरूरी है. इनके राज में पीएससी मतलब पैसा सकेलो कम्पनी.”
कांग्रेस ने किया पलटवार
वहीं बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा कि अबतक किसी छात्र ने शिकायत नहीं की है. बीजेपी बिना तथ्य के गड़बड़ी के मनगढ़ंत आरोप लगा रही है. इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी चुनौती दी है कि कोई तथ्य है तो अदालत में जाकर मुकदमा दायर करें. कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख ने कहा कि अधिकारी,व्यवसायी और नेता का रिश्तेदार होना अयोग्यता का पैमाना नहीं है. प्रदेश में बीजेपी के 15 सालों तक राज्य लोक सेवा आयोग तत्कालीन मुख्यमंत्री निवास का गुलाम बन गया था. 15 साल में केवल नौ परीक्षाएं आयोजित हुई थीं.
बता दें पिछले महीने 11 मई को पीएससी 2021 का रिजल्ट आया. इसमें टॉप 20 में जगह बनाने वाले में ज्यादातर अधिकारी, कारोबारी और कांग्रेस नेताओं से जुड़े अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं. इसलिए बीजेपी ने पीएससी 2021 के रिजल्ट को रद्द कर फिर से परीक्षा कराने की मांग की है. इसके अलावा पीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी की हाई लेवल जांच कराए जाने की मांग की गई है.