राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता (LoP) के रूप में पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है. बारामती विधानसभा से विधायक अजित पवार ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करेंगे और उन्हें जो भी जिम्मेदारियां दी गई हैं, उन्हें पूरा करेंगे.
अजीत पवार ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने पार्टी से विपक्ष के नेता के पद से मुझे मुक्त करने के लिए कहा है. साथ ही पार्टी नेतृत्व से अपील की कि वह उन्हें पार्टी संगठन में कोई भूमिका सौपें.
अजित ने कहा कि मुझे विपक्ष के नेता के रूप में काम करने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पार्टी विधायकों की मांग पर मैंने भूमिका स्वीकार की. उन्होंने कहा कि उनकी मांग पर फैसला करना राकांपा नेतृत्व पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, मैं उसके साथ पूरा न्याय करूंगा. अजित ने कहा कि मुझे बताया गया है कि मैं विपक्ष के नेता के रूप में सख्त व्यवहार नहीं करता हूं.
अजित पवार ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) और प्रकाश अंबेडकर की अध्यक्षता वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि 2019 में वीबीए ने अकेले कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को नुकसान पहुंचाया था. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समान विचारधारा वाले दलों के बीच वोटों का विभाजन न हो. हम बीआरएस और वीबीए को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अजित पवार ने मुंबई और विदर्भ में NCP संगठन को मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर दिया.
दरअसल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. सुप्रिया को एनसीपी की केंद्रीय चुनाव समिति का प्रमुख भी बनाया गया है.
वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के इस बयान को लेकर कहा कि उन्होंने जो भी कहा ये उनके पक्ष का अंदरूनी मामला है, इसके लिए एनसीपी को खुद तय करना है कि किस व्यक्ति को किस पद पर काम करना है. अजित पवार एनसीपी में एक प्रभावी नेता हैं.