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मिशन छत्तीसगढ़ पर कांग्रेस का फोकस : विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने का वक्त कांग्रेस सत्ता में वापसी करने की तैयारी

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छत्तीसगढ़ में होने वाले में विधानसभा चुनाव में अब मुश्किल से कुछ ही महीने का वक्त बचा है.

ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने बड़ा फैसला लेते हुए टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाने का बड़ा फैसला लिया.

डिप्टी सीएम बनाए जाने पर टीएस सिंहदेव ने एक ओर कांग्रेस आलाकमान का आभार जताया तो वहीं आने वाले चुनाव में मिलकर काम करने की भी बात कही है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पहले जय-वीरू की जोड़ी के चर्चे थे, लेकिन अब काका-बाबा की जोड़ी के चर्चे होने लगे हैं. डिप्टी सीएम बनने के बाद टीएस सिंहदेव सरगुजा पहुंचे.

यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा 2023 के विधानसभा के चुनाव में इस बार कुछ अलग है. इस बार के चुनाव में काका-बाबा की जोड़ी चुनाव जिताएगी, लेकिन सब को मिलकर काम करना होगा.

बीजेपी के हाथ से गई थी सत्ता

2018 के चुनाव से चर्चा में जय-वीरू की जोड़ी आई थी. जय वीरू की जोड़ी में जय टीएस सिंहदेव और वीरू भूपेश बघेल को कहा जाता था. जय-वीरू की जोड़ी तब सुर्खियों में आया था जब 15 साल से प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा का टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल की बेहतर तालमेल और प्लानिंग से तख्तापलट कर दिया था. दोनों की प्लानिंग से भारी बहुमत से कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली थी. तब से प्रदेश में दोनों की जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी कहने लगे, लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही जय और वीरू के बीच की दूरियां बनने लगी, कारण ढाई-ढाई साल के फार्मूले को कहा जा सकता था.

टीएस सिंहदेव को प्रदेश और सरगुजा में उनके समर्थक प्यार से बाबा कहते हैं तो उधर मुख्यमंत्री के समर्थकों ने उन्हें कका नाम दे दिया है. अब जब एक बार फिर यह दोनों नेता साथ आ चुके हैं तो जय वीरू की इस जोड़ी को काका-बाबा की जोड़ी कहा जा रहा है. डिप्टी सीएम बनने के बाद पहली बार सरगुजा पहुंचे टीएस सिंह देव ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि इस चुनाव में काका बाबा की जोड़ी काम करेगी. उन्होंने कहा कि 2018 के चुनाव में सिर्फ दो से काम चल गया था. इस बार दो से काम नहीं चलेगा. प्रदेश में 23 हजार पोलिंग बूथ हैं. सब को मिलकर काम करना पड़ेगा, तब प्रदेश में 75 सीट पार के कांग्रेस के दावे पार हो पाएंगे.