महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के मुखिया और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे आज यवतमाल दौरे पर पहुंचे हुए हैं. यवतमाल में पोहरादेवी में दर्शन करने के बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
ठाकरे ने कहा कि भाजपा कुछ भी बोलने लायक नहीं है. पोहरादेवी की शपथ खाकर कहता हूं, 2019 में अमित शाह ने ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन बाद में वो अपने जुबान से पलट गए.
यवतमाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, अमित शाह अपने शब्दों से मुकरने के बाद हमें गठबंधन से बाहर ढकेल दिए. वहीं, एनसीपी में बड़ा लटफेर होने को लेकर उद्धव ने कहा, पार्टी तोड़ी नहीं जाती है, भगाई जाती है. पक्ष तोड़ने की यह शुरुआत महाराष्ट्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. अजित पवार की वजह से महाविकास आघाड़ी छोड़कर जाने वाले अब चुप क्यों हैं?
शिवसेना में विवाद को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अपात्रता पर फैसला देने होगा. यदि स्पीकर कोर्ट के फैसले के बाहर जाकर कोई फैसला देते हैं तो हमारे लिए कोर्ट के रास्ते खुले हैं. ठाकरे आज दो दिनों तक यवतमाल, वाशिम, अमरावती, अकोला जिला, नागपुर, अमरावती में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और स्थानीय मुद्दों के बारे में लोगों से बात करेंगे.
एनसीपी में कलह के बीच दौरा
उद्धव ठाकरे की ओर से इस दौरे की शुरुआत ऐसे समय में की गई है जब एनसीपी दो फाड़ में बट गई है. एक तरफ शरद पवार हैं तो दूसरी ओर उनके भतीजे अजित पवार हैं. अजित पवार अपने कई विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. खुद डिप्टी सीएम भी बन गए हैं और 8 विधायक मंत्री बन गए हैं. अब उद्धव ठाकरे विदर्भ में जिन-जिन इलाकों का दौरा कर रहे हैं उन इलाकों में एनसीपी की अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है और सीटों पर अच्छा प्रभाव भी है.
विधायक रवि राणा ने बोला हमला
विदर्भ दौरे को लेकर अमरावती से विधायक रवि राणा ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है. रवि राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते कभी इस क्षेत्र में मुंह नहीं दिखाया, कोविड काल में कभी मंत्रालय नहीं गए, किसानों के दरवाजे पर नहीं पहुंचे, लेकिन अब बरसाती मेंढ़क की तरह दौरा करने के लिए बाहर निकले हैं. सीएम थे तो पूरे महाराष्ट्र को छोड़कर मातोश्री में बैठे रहे जबकि जनता त्रस्त थी.
रवि बोले- वोट भी भीख मांग रहे उद्धव
राणा ने कहा, उद्धव ठाकरे विदर्भ में आकर वोट की भीख मांग रहे हैं. ये लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इनके हाथ से मुख्यमंत्री पद चला गया, 40 विधायक चले गए, सत्ता चली गई, शिवसेना चली गई क्योंकि इन्होंने हनुमान चालिसा का विरोध किया था और एक सांसद और विधायक को केवल इसलिए जेल में डाल दिया क्योंकि वे हनुमान चालिसा पढ़ने जा रहे थे. विदर्भ की जनता इनको अच्छे तरीके से जानती है.