आजकल मोबाइल का इस्तेमाल इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग रोजाना कई घंटे इस पर ही बिताते हैं। स्मार्टफोन अब लोगों के मनोरंजन का बड़ा साधन भी बन गया है। स्मार्टफोन में लोग कई सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।
आजकल युवाओं में ही नहीं बल्कि टीनएजर और बुजुर्गों में भी सोशल मीडिया ऐप्स की लत देखने को मिलती है। सोशल मीडिया की लत बहुत बुरी होती है। इसकी आदत ड्रग्स की तरह होती है। कई रिसर्च में भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि सोशल मीडिया की लत से मानसिक परेशानियां होती हैं। जैसे बिना नशे के नहीं रह पाते उसी तरह सोशल मीडिया की लत के लोगों को भी इसी तरह की लत लग जाती है। इतना ही इससे आपसी रिश्तों पर भी फर्क पड़ता है।
बन सकता है रिश्तों में दरार का कारण
लोगों को जब सोशल मीडिया की लत लगती है तो कई घंटों तक स्क्रॉल करते रहते हैं। आधे घंटे का यह शौक धीरे-धीरे 5—7 घंटे तक मे बदल जाता है। इसके साथ ही यह रिश्तों में दरार का कारण भी बन जाता है। ‘बेंगलुरु में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे इस कपल के बीच सोशल मीडिया एडिक्शन आ गया। नॉर्मल लड़का पोर्नोग्राफी एडिक्ट बन गया। देर रात तक पोर्नोग्राफी देखता। नौबत ब्रेकअप तक आ गई। जब कपल को इसका अहसास हुआ कि रिलेशनशिप नहीं बचेगी तो वो सोशल मीडिया डिएडिक्शन सेंटर आए। छह महीने के ट्रीटमेंट के बाद लड़के के सिर से सोशल मीडिया का बुखार उतरा।’
ऐसे करें सोशल मीडिया एडिक्ट की पहचान
मेंटल हेल्थ पर काम करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था NIMHANS की ओर से 2014 में SHUT (सर्विस फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी) क्लिनिक की शुरुआत की गई थी। SHUT क्लिनिक के हेड डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार फाइव C या फाइव सीक्रेट के जरिए सोशल मीडिया के बुखार की पहचान की जाती है।Social media addiction symptoms
हो जाएं सतर्क
—लगातार सोशल मीडिया एक्सेस करने की तलब उठे। सोशल मीडिया यूज करने में मजा आए।
—न चाहते हुए भी मन बार बार स्मार्टफोन की ओर खिंचे और हाथ उसकी ओर बढ़े।
—स्ट्रेस दूर करने और मनोरंजन के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना।
—सोशल मीडिया पर समय का अंदाजा ना रहना। स्मार्टफोन पर लगातार स्क्रॉलिंग करना।
—सिर भारी,उंगलियों में दर्द, आंखों में कमजोरी, परिवार में झगड़े होना। प्रोफेशनल लाइफ पर बुरा असर।
सोशल मीडिया की लत सबसे अधिक इस उम्र में
सोशल मीडिया यूज करने में सबसे आगे 16 से 19 की उम्र के टीनेजर्स हैं। दोस्तों के साथ ऑनलाइन गेम खेलना, वॉट्सऐप चैट करना, रील्स बनाना, सेल्फी लेना, फेसबुक-इंस्टा पर लगातार बने रहना ये समस्या सबमें देखने को मिलती है।
इसके बाद 25 या इससे अधिक की उम्र के लोग हैं जिनमें सोशल मीडिया एडिक्शन देखा जा रहा। ये फोन पर पोर्नोग्राफी या वेब सीरीज देखने के एडिक्ट होते हैं।
‘जीरो इनबॉक्स टेंडेंसी’
सोशल मीडिया यूजर्स में एक आदत और देखने को मिलती है जिसे मनोवैज्ञानिक अपनी भाषा में ‘जीरो इनबॉक्स टेंडेंसी’ कहते हैं। यानी मैसेज के फ्लैश करते ही उसे खोलकर तुरंत पढ़ना और जवाब देना। टीनएजर्स की अपडेटेड रहने की चाहत उन्हें बार-बार सोशल मीडिया देखने की लत लगा देती है।