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मध्य प्रदेश : कांग्रेस की एक और बड़ी जनसभा, आदिवासी वोटों पर पकड़ मज़बूत करने की रणनीति…

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कांग्रेस की एक और बड़ी चुनावी रैली आज मध्य प्रदेश के महाकोशल इलाके में गोंडवाना राजवंश के गढ़ मण्डला जिले में कांग्रेस की दिग्गज नेता प्रियंका गांधी आज चुनावी रैली में जनसभा को संबोधित किया.

यह प्रियंका गांधी का महाकोशल क्षेत्र में दूसरा दौरा है. इसके पहले वे इसी साल 12 जून को जबलपुर में एक पब्लिक मीटिंग को संबोधित करते हुए कांग्रेस की पांच चुनावी गारंटी का ऐलान किया था.

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि:

कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राष्ट्रीय महासचिव सुरजेवाला सहित बड़ी संख्या में प्रदेश के कांग्रेस नेता भी शामिल हुए.

रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर माल्यार्पण
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश तिवारी के मुताबिक गोंडवाना साम्राज्य की ऐतिहासिक धरोहर और गोंड राजाओं की नगरी रामनगर में प्रियंका गांधी की इच्छा उनके क्षेत्र में जाने और अपनी बात रखने की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि प्रियंका गांधी चौगान की मढ़िया में दर्शन, शंकर शाह – रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और नर्मदा पूजन के बाद वे आम सभा का जन संबोधन किया.

आदिवासी वोटों पर पकड़ मज़बूत करने की रणनीति
अब चुनावी आंकड़ों की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 47 सुरक्षित आदिवासी सीटों में से 31 कांग्रेस जीतने में सफल रही थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 16 सीटें ही मिली थीं. हालांकि, इससे पहले 2013 के चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी रिज़र्व 47 में से 30 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थीं. कांग्रेस आदिवासी वोटों पर अपनी पकड़ मज़बूत रखना चाहती है.

अब बारी प्रियंका गांधी की है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस ऐसा ही प्रदर्शन कर पाएगी या बीजेपी को बड़ी सफलता मिलेगी?

जबलपुर में आमसभा के बाद एक बार फिर महाकोशल इलाके के मण्डला जिले में पब्लिक रैली में आदिवासी बहुल महाकोशल रीजन के चुनावी नतीजों देखा जाए तो यहां पिछले चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी था.

बता दें कि महाकोशल क्षेत्र में जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिले आते हैं. साल 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महाकोशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी. इसकी बड़ी वजह आदिवासियों की नाराजगी मानी गईं थी. कांग्रेस ने महाकौशल क्षेत्र की 38 सीटों में से 24 परजित का परचम लहराया था और बीजेपी सिर्फ 13 सीटों पर था.