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OPINION: ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल को दुनिया में मिल रही नई पहचान…’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को दुनिया में नई पहचान मिलती जा रही है. यहीं नहीं इंडियन रेलवे लगातार एक के बाद एक नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है और ये पीएम मोदी की दूरगामी नीति और उनके विज़न की वजह से संभव हो पा रहा है.

2014 से पहले भारतीय रेल को केंद्र सरकार पर बोझ माना जाने लगा था. भारतीय रेल के भविष्य को लेकर कई बातें कही जा रही थी. लेकिन जबसे देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, पीएम मोदी ने रेलवे का कायाकल्प करने की ठानी और नतीजा अब देश के सामने है. प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व और उनकी रेलवे के विकास, आधुनिकीकरण की सोच भारतीय रेलवे को दुनिया में अव्वल बना दी है.

रेलवे के विद्युतीकरण में बना रिकॉर्ड
रेलवे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9.5 वर्षों में मौजूदा रेल नेटवर्क का 90 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकृत कर दिया गया है. पिछले 9 वर्षों में 62 प्रतिशत यानी 37,014 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है. ये अपने आपमें एक रिकॉर्ड है. रेलवे के विद्युतीकरण का असर ये है कि तेल आयात करने की लागत हो सकती है कम और पूरे रेलवे का विद्युतीकरण करने के बाद यह संभव हो सकेगा. हमारे देश में बनाई गई बिजली का इस्तेमाल अगर हम रेलवे में करेंगे, तो इससे तेल आयात करने की लागत कम हो जाती है. इससे मोदी जी की दूरदर्शी सोच परिलक्षित होती है. 2024 तक इस 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. जानकर हैरानी होगी कि रेलवे को जीरो कार्बन उत्सर्जक बनाने के लिए प्रधानमंत्री एक मिशन की तरह इसपर काम कर रहे हैं. रेलवे के मुताबिक, सबकुछ ठीक रहा तो भारतीय रेल वर्ष 2030 तक विश्व की पहली जीरो कार्बन उत्सर्जक रेल सेवा बना सकी है.

विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क
इंडियन रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और भारत में सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता है. करीब 67,956 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 13000 ट्रेनों में रोजाना करीब 24 मिलियन लोग यात्रा करते हैं और प्रतिदिन 3.3 मिलियन टन माल की ढुलाई भी की जाती है.

दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफॉर्म
भारत को विश्व के सबसे लंबे रेलवे स्टेशन होने का भी गौरव प्राप्त है. पहले गोरखपुर स्टेशन को दुनिया के सबसे लंबे रेलवे स्टेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल हुआ था. हालांकि, मार्च 2023 में भारत ने खुद का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन के हुबली रेलवे स्टेशन को देश का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन बनाया. इस रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 8 की लंबाई 1507 मीटर है, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है.

कालका-शिमला टॉय ट्रेन
कालका-शिमला ट्रेन का नाम भी गिनीज रिकॉर्ड में शामिल है, जिसे वर्ष 2003 में विश्व की सबसे ऊंची रेलवे रूट के रूप में मान्यता दी गई. यह ट्रेन विशेष इंजीनियरिंग के साथ 96 किलोमीटर की ऊंचाई पर चलती है और यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में भी मान्यता प्रदान की हुई है.

रोजगार के क्षेत्र में भी सबसे आगे
भारतीय रेलवे ने रोजगार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें यह दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक है. वर्तमान में इसके पास 13 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जो इसके रोजगार क्षेत्र को एक अद्वितीय स्थान पर रखते हैं.

ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड की आबादी से ज्यादा यात्री
भारतीय रेलवे के नेटवर्क का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में रोजाना जितने लोग रेल से सफर करते हैं, उतनी ऑस्ट्रेलिया की आबादी भी नहीं है. ऑस्ट्रेलिया की आबादी 2.75 करोड़ हैं, जबकि भारतीय रेल से रोजाना तकरीबन तीन करोड़ लोग यात्रा करते हैं.