हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त यानी शुभ समय देखने का विधान है. उसके बिना मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अबूझ मुहूर्त वह शुभ समय होता है, जिसमें आपको कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है.
आप बिना मुहूर्त देखे ही कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं. वैदिक पंचांग में अबूझ मुहूर्त के बारे में दिया गया रहता है. आप पंचांग की मदद से जान सकते हैं कि वर्ष में कब कब अबूझ मुहूर्त है. हालांकि सभी लोग पंचांग देखने में सक्ष्म नहीं होते हैं, इस वजह से आज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बता रहे हैं कि नए साल में अबूझ मुहूर्त कब कब है? अबूझ मुहूर्त क्या होता है?
अबूझ मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार, पूरे वर्ष में कुछ ऐसी तिथियां होती हैं, जो स्वयं सिद्ध मुहूर्त होती हैं, वे अबूझ मुहूर्त कहलाती हैं. अबूझ मुहूर्त में आप पूरे दिन कभी भी कोई शुभ कार्य कर सकते हैं.
अबूझ मुहूर्त कौन-कौन से होते हैं?
कैलेंडर के अनुसार, देखा जाए तो वसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा, फुलेरा दूज, अक्षय तृतीया या अखातीज, हिंदू नववर्ष का पहला दिन या चैत्र नवरात्रि का पहला दिन, विजयादशमी यानी दशहरा और देवउठनी एकादशी को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है.
अबूझ मुहूर्त में क्या करते हैं?
अबूझ मुहूर्त वाले दिन आप विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार आदि कर सकते हैं. इसके अलावा आपको नई नौकरी ज्वाइन करनी है तो भी यह शुभ समय होता है. इसके अलावा आपको नई दुकान खोलनी है या नया बिजनेस शुरू करना है तो भी कर सकते हैं. उस दिन आपको किसी पंडित से मुहूर्त पूछने या पंचांग देखने की आवयश्कता नहीं पड़ेगी.
नए साल 2024 के अबूझ मुहूर्त की लिस्ट
1. साल का पहला अबूझ मुहूर्त: 14 फरवरी, बुधवार, वसंत पंचमी
2. साल का दूसरा अबूझ मुहूर्त: 12 मार्च, मंगलवार, फुलेरा दूज
3. साल का तीसरा अबूझ मुहूर्त: 10 मई, शुक्रवार, अक्षय तृतीया
4. साल का चौथा अबूझ मुहूर्त: 9 अप्रैल, मंगलवार, हिंदू नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
5. साल का पांचवा अबूझ मुहूर्त: 12 अक्टूबर, शनिवार, विजयादशमी या दशहरा
6. साल का छठा अबूझ मुहूर्त: 12 नवंबर, मंगलवार, देवउठनी एकादशी या देवउत्थान एकादशी