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छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने की तैयारी, राज्य के विश्वविद्यालय कोर्स को संशोधित करने की प्रक्रिया…

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छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने की तैयारी की जा रही है। राज्य के विश्वविद्यालय कोर्स को संशोधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दिए हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक पाठ्यक्रम बदल जाएगा। नया पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल नालेज पर ज्यादा फोकस दिया जा रहा है।

राज्य सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी नई शिक्षा नीति लागू करने का वादा किया था। सबकुछ अच्छा रहा तो प्रदेश के छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ने का मौका मिलेगा।

प्रदेश के आठ आटोनामस कालेजों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पिछले वर्ष चार वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू किया गया था। कोर्स शुरू होने के बाद पहले सेमेस्टर की परीक्षा के परिणाम आने के बाद विवादों से घिर गया।

कोर्ट का पक्ष में फैसला आने के बाद अब प्रदेश में 25 नए कालेजों में इसी पैटर्न में स्नातक की पढ़ाई की तैयारी है। कालेजों को चिह्नांकित करने का काम शुरू हो गया है। अगले सत्र से इन कालेजों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू होने की संभावना है।

प्रदेश में अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) लागू करने की घोषणा शासन की तरफ से नहीं की गई है, लेकिन पिछले वर्ष राजधानी के साइंस कालेज, छत्तीसगढ़ कालेज, डिग्री गर्ल्स कालेज समेत प्रदेश के आठ आटोनोमस कालेजों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार वर्षीय कोर्स शुरू हुआ है।इसी कोर्स को ही कुछ नए कालेजों मे लागू करने की तैयारी की जा रही है।

चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में कुछ खास प्रविधान हैं, जो छात्रों के लिहाज से अच्छे हैं। जैसे, इसमें मल्टी एक्जिट और मल्टी एंट्री का सिस्टम है।

इसके तहत छात्र किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं तो वे बाद में फिर कोर्स पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अवसर मिलेगा।

हालांकि यह कोर्स उन्हें छह वर्ष के भीतर पूरा करना होगा। स्नातक में एक वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्रों को सर्टिफिकेट, दो साल पढ़ाई करने पर डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।

इसी तरह इस कोर्स में चार साल की पढ़ाई का अवसर उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्हें तीसरे वर्ष या छठवें सेमेस्टर में 7.5 क्यूम्लेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) आएगा। इसके तहत चार ईयर रिसर्च डिग्री या फिर आनर्स की डिग्री मिलेगी।

प्रदेश में आठ आटोनोमस कालेजों में चार वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम की पढ़ाई हो रही है।

इन कालेजों में राजधानी में तीन संस्थान, साइंस कालेज, डिग्री गर्ल्स कालेज और छत्तीसगढ़ कालेज शामिल हैं। इसी तरह शासकीय विश्वनाथ तामस्कर कला/ विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग, शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव, शासकीय ई. राघवेंद्र राव स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय बिलासपुर, शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर और शास. राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर शामिल हैं।