छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की खुशहाली की मंगल कामना की है।
साय ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला छेरछेरा त्योहार हमारी सामाजिक समरसता, दानशीलता की और समृद्ध गौरवशाली परम्परा का संवाहक है।
यह नई फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्यौहार जब किसान अपने खेतों से फसल काट और मींजाई कर अन्य को अपने घरों में भंडारण कर चुके होते हैं, तब यह पर्व पौष माह की पूर्णिमा तिथि यानी जनवरी के महीने में मनाते हैं, यह दान देने का पर्व है.
किसान अपने खेतों में वर्षभर मेहनत करने के बाद अपनी मेहनत की कमाई धन को दान देकर छेरछेरा त्यौहार मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि दान देना महापुण्य का कार्य होता है।
कृषक इसी मान्यता के साथ अपनी धन का दान देकर महान पुण्य का भागीदारी बनने हेतु छेरछेरा त्यौहार मनाते हैं। इस दिन बच्चे टोली बनाकर घर-घर जाकर छेरछेरा मांगने जाते हैं। यह पर्व पौष पूर्णिमा पौष मास शुक्ल पक्ष पुर्णिमा तिथि यानी पूस पून्नी को मनाया जाता है।