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20 दिन पहले मोदी सरकार की तारीफ… अब आतंक के बहाने चीन ने लगाए गंभीर आरोप

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चीन की सरकारी मीडिया ने करीब तीन हफ्ते पहले नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी, लेकिन अब उसी चीनी मीडिया ने मोदी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.

चीन ने पाकिस्तान में आतंकवाद का दावा करते हुए इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया है. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने में भारत का हाथ है.

चीनी मीडिया ने ये भी दावा किया है कि आरोपों के संबंध में उसके पास पुख्ता सबूत हैं. उसने कहा कि भारत, बलूचिस्तान में आतंक फैला रहा है और इसके लिए फंडिंग, हथियार और ट्रेनिंग भी दी जा रही है. बता दें कि ग्लोबल टाइम्स चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का अखबार है. ये अखबार चीनी राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी करता है.

चीन ने भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए ग्लोबल टाइम्स के हवाले से आरोप लगाया है कि भारत ने दक्षिण एशियाई देश के विभिन्न हिस्सों, जैसे कि अलगाववाद से त्रस्त बलूचिस्तान में स्थानीय अलगाववादियों को उकसाकर गुप्त रूप से आतंकवादी ताकतों को फंडिंग की है. आरोप लगाया गया कि आतंकवादी हमलों के माध्यम से क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर किया जा रहा है.

अखबार में कहा गया है कि पाकिस्तानी और भारतीय दोनों मीडिया रिपोर्टों को देखने के अलावा बलूचिस्तान की स्थिति से परिचित सोर्स और पर्यवेक्षकों से बात की गई. इसके बाद ग्लोबल टाइम्स ने पाया कि भारत का पाकिस्तान में आतंकवाद को समर्थन देने का एक लंबा इतिहास है.

चीन ने भारत के खिलाफ पक्के सबूत का किया दावा

चीन ने अखबार के जरिए सबूत की बात करते हुए कहा कि दिसंबर 2023 में अलगाववादी आतंकवादी समूह बलूच नेशनल आर्मी (बीएनए) के एक कमांडर ने पाकिस्तानी सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. उसने खुलासा किया कि भारत गुप्त रूप से बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन कर रहा है और क्षेत्र में अलगाववादी ताकतों को फंड मुहैया करा रहा है.

अखबार में पाकिस्तानी मीडिया सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा गया कि कमांडर सरफराज अहमद बुंगुलजई ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उसे लगा कि उसका सशस्त्र संघर्ष बलूच अधिकारों के लिए था, लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि भारत इन सभी साजिशों में शामिल है.

बुंगुलजई ने 2022 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का जिक्र किया, जिसमें एक जनरल समेत छह पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी शहीद हो गए थे. उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत के आदेश पर अलगाववादी समूह बलूच राज आजोई संगर (बीआरएएस) ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी.

चीनी मीडिया की तर्ज पर पाकिस्तानी अखबार ने भी उगला जहर

चीनी मीडिया की तर्ज पर पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट डॉन ने भी भारत के खिलाफ जहर उगला. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ‘डॉन’ के अनुसार, बुंगुलजई ने कहा कि भारत से पैसे लेने के बाद उसने अपने ही बलूच भाइयों का खून बहाया.

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारत की ओर इशारा करने वाले ताज़ा मामले के अलावा, कुछ साल पहले एक और मामला सामने आया था, जिसने संकेत दिया था कि भारत शायद पाकिस्तान में आतंकवाद का समर्थन कर रहा है.

कुछ साल पहले वाली घटना का जिक्र करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि मार्च 2016 में, पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कुलभूषण यादव नाम के एक भारतीय जासूस एजेंट का इकबालिया वीडियो बयान जारी किया, जिसे कथित तौर पर उस महीने की शुरुआत में सीमा क्षेत्र से पाकिस्तान में घुसपैठ करने का प्रयास करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के एक रिपोर्ट के अनुसार, कुलभूषण यादव ने वीडियो में कहा कि वो भारतीय नौसेना का अधिकारी था और हुसैन मुबारिक पटेल के नाम से भारतीय एजेंसियों के लिए खुफिया जानकारी जुटाता था.

रिपोर्ट में दावा किया गया कि कुलभूषण यादव ने कहा कि मेरा उद्देश्य बलूच विद्रोहियों के साथ बैठकें करना और उनके सहयोग से गतिविधियों को अंजाम देना था. ये गतिविधियां आपराधिक प्रकृति की थीं, जिससे पाकिस्तानी नागरिकों की मौत या अपंगता हो रही है.

भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स का भी दिया हवाला

चीनी मीडिया ने ‘द हिंदू’ का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अखबार ने जुलाई 2019 में एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि ये स्थापित हो गया है कि बीएलए (बलूच लिबरेशन आर्मी) कमांडरों ने अक्सर भेष बदलकर या नकली पहचान के साथ, भारत के अस्पतालों में चिकित्सा उपचार की मांग की थी.

द हिंदू का हवाला देते हुए चीनी मीडिया ने दावा किया कि बीएलए के आतंकवादी कमांडर का उल्लेख किया गया था, जो किडनी से संबंधित बीमारियों के लिए इलाज के लिए 2017 में कम से कम छह महीने के लिए दिल्ली में था.

आतंकवाद फैलाने के कारणों के संबंध में दिया ये तर्क

भारत पर पाकिस्तान में आतंक फैलाने को लेकर लगाए गए आरोपों के कारणों के पीछे चीनी मीडिया ने तर्क भी दिया है. चीनी मीडिया के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में चीन, पाकिस्तान की आर्थिक विकास में मदद कर रहा है, जिससे पूरे पाकिस्तान में विभिन्न निवेश और सहायता परियोजनाओं का लाभ स्थानीय लोगों को मिला हैै.

उदाहरण के लिए, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की ओर से प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत एक प्रमुख परियोजना है. इसे 2013 में लॉन्च किया गया, यह पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिमी चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशी से जोड़ता है, जो ऊर्जा, परिवहन और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से पाकिस्तान के बुनियादी ढांचे में योगदान देता है.

पाकिस्तानी मीडिया जीएनएन न्यूज के मीडिया सलाहकार नौमान राशिद ने कहा, चीन सीपीईसी और बीआरआई परियोजनाओं के माध्यम से पाकिस्तान का सच्चा विकास भागीदार रहा है. रशीद ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चाहे कितनी भी समस्याएं आएं या कोई भी पाकिस्तानी राजनीतिक दल सत्ता में आए, ये परियोजनाएं लोगों की भलाई के लिए हैं.

आखिर भारत के खिलाफ जहर उगलने का क्या है चीनी मकसद?

दरअसल, भारत के खिलाफ आतंकवाद का आरोप लगाने वाला चीन पहले भी कई बार चालबाजी कर चुका है. चीन ने संयुक्त राष्ट्र जैसे ग्लोबल प्लेटफार्म पर अक्सर पाकिस्तान और वहां पनाह लिए दहशतगर्दों का समर्थन करता रहा है. इन दहशतगर्दों में हाफिज मोहम्मद सईद से साजिद मीर, अब्दुल रहमान मक्की, मसूद अजहर, अब्दुल रऊफ असगर अल्वी जैसे नाम शामिल है, जिनका बचाव चीन ने कई मौकों पर किया है.

इसके अलावा, कई अन्य मौकों पर चीन ने भारत को अलग-अलग मुद्दों पर घेरने की नाकाम कोशिश की है और हर बार उसे मुंहतोड़ जवाब मिला है. अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदलने का उदाहरण ले लें. इसके अलावा, अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे पर भी कई बार चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है.

दिसंबर 2023 के आखिरी सप्ताह में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने भी बलूच में आतंक के तार भारत से जोड़ने की कोशिश की थी.

दरअसल, चीन बलूच में जारी हिंसा का ठीकरा भारत के सिर पर फोड़ने की कोशिश की है. लेकिन राजनीतिक जानकारों की माने तो चीन ने बलूचिस्तान में अरबों रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है.

इसे लेकर बलूच के लोगों का कहना है कि चीन के जरिए पाकिस्तान हमारी हितों और हक की अनदेखी कर रही है और यहां की संपदा को लूटने का हक ड्रैगन को दे दिया गया है. शायद यही कारण है कि बलूचिस्तान में अलगाववादी चीन और पाकिस्तान की इन दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, जिसे पाकिस्तान और चीन आतंक कृत्य करार देता है.