जापान ने शुक्रवार, 27 जून को “ट्विटर किलर” कहे जाने वाले एक हत्यारे को फांसी दे दी. उस खौफनाक हत्यारे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब एक्स) पर मिलीं 8 लड़कियों और एक लड़के की हत्या की और उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए. 2022 के बाद से जापान में पहली बार किसी व्यक्ति को फांसी की सजा दी गई है. हत्यारे की उम्र 34 साल थी और नाम ताकाहिरो शिराइशी था. उसने जिनकी जान ली वो सभी यंग थे. उनकी उम्र 15 से 26 साल के बीच थी. खास बात यह है कि उसने ये सभी 9 हत्याएं एक साल के अंदर, 2017 में ही की थीं और वो पकड़ा भी उसी साल गया.
कैसे बनाता था निशाना?
ताकाहिरो शिराइशी ने ट्विटर के उन ट्विटर यूजर्स को निशाना बनाया था जिन्होंने अपनी जान लेने (सुसाइड करने) के बारे में पोस्ट किया था. वो उन लड़कियों को बताता था कि वह उनकी मरने की योजनाओं में उनकी मदद कर सकता है, या उनके साथ मर भी सकता है.
जापान की राजधानी टोक्यो के पास अपने छोटे से घर में वो उन लड़कियों को फुसलाकर लाता था और उनकी हत्या कर देता था. वो सबूत छिपाने के लिए अपार्टमेंट के चारों ओर कूलर और टूलबॉक्स में बॉडी के टुकड़े छिपा देता था. फिर उनपर बिल्ली के मल-मूत्र को छिड़क देता था ताकि सबूत छिपाया जा सके.
जापान के न्याय मंत्री कीसुके सुजुकी ने बताया कि शिराइशी ने ये सभी हत्याएं 2017 में की थी. उसके अपराधों में “डकैती, बलात्कार, हत्या… एक लाश को नष्ट करना और एक लाश को खुलेआम छोड़ना” शामिल था.
न्याय मंत्री सुजुकी ने टोक्यो में रिपोर्टरों से कहा, “9 पीड़ितों को पीटा गया और गला घोंटा गया, मार डाला गया, लूटा गया और फिर उनके शरीर के कुछ हिस्सों को बक्सों में छिपा दिया गया और कुछ हिस्सों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया.”
न्याय मंत्री के अनुसार शिराइशी ने “अपनी यौन और वित्तीय इच्छाओं” को पूरा करने के लिए हत्याएं कीं. जापान के न्याय मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि देश में 2022 में एक, 2021 में तीन, 2019 में तीन और 2018 में 15 लोगों को फांसी दी गई थी.
कैसे हुआ खुलासा?
इस जघन्य हत्या का खुलासा 2017 के ठंड में हुआ. पुलिस को एक 23 वर्षीय युवती के लापता होने की खबर मिली थी. जांच के दौरान पता चला कि युवती ने कथित तौर पर खुद को मारने की इच्छा के बारे में ट्वीट किया था. उसके भाई ने उसके ट्विटर अकाउंट का एक्सेस लिया और अंततः पुलिस को हत्यारे शिराइशी के घर पर ले गया, जहां पुलिस को कई टुकड़ों में युवती का शरीर मिला.
जापान का कानून कहता है कि अपील समाप्त होने के बाद फैसले के छह महीने के भीतर दोषी को फांसी दी जानी चाहिए. हालांकि, वास्तविकता में, अधिकांश कैदियों को सालों और कभी-कभी दशकों तक एकान्त कारावास में छोड़ दिया जाता है. जापान के इस सिस्टम और इस प्रथा पर सरकार की पारदर्शिता की कमी की व्यापक आलोचना होती रही है.
जापान की राजधानी टोक्यो के पास अपने छोटे से घर में वो उन लड़कियों को फुसलाकर लाता था और उनकी हत्या कर देता था. वो सबूत छिपाने के लिए अपार्टमेंट के चारों ओर कूलर और टूलबॉक्स में बॉडी के टुकड़े छिपा देता था. फिर उनपर बिल्ली के मल-मूत्र को छिड़क देता था ताकि सबूत छिपाया जा सके.
जापान के न्याय मंत्री कीसुके सुजुकी ने बताया कि शिराइशी ने ये सभी हत्याएं 2017 में की थी. उसके अपराधों में “डकैती, बलात्कार, हत्या… एक लाश को नष्ट करना और एक लाश को खुलेआम छोड़ना” शामिल था.
न्याय मंत्री सुजुकी ने टोक्यो में रिपोर्टरों से कहा, “9 पीड़ितों को पीटा गया और गला घोंटा गया, मार डाला गया, लूटा गया और फिर उनके शरीर के कुछ हिस्सों को बक्सों में छिपा दिया गया और कुछ हिस्सों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया.”
न्याय मंत्री के अनुसार शिराइशी ने “अपनी यौन और वित्तीय इच्छाओं” को पूरा करने के लिए हत्याएं कीं. जापान के न्याय मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि देश में 2022 में एक, 2021 में तीन, 2019 में तीन और 2018 में 15 लोगों को फांसी दी गई थी.
कैसे हुआ खुलासा?
इस जघन्य हत्या का खुलासा 2017 के ठंड में हुआ. पुलिस को एक 23 वर्षीय युवती के लापता होने की खबर मिली थी. जांच के दौरान पता चला कि युवती ने कथित तौर पर खुद को मारने की इच्छा के बारे में ट्वीट किया था. उसके भाई ने उसके ट्विटर अकाउंट का एक्सेस लिया और अंततः पुलिस को हत्यारे शिराइशी के घर पर ले गया, जहां पुलिस को कई टुकड़ों में युवती का शरीर मिला.
जापान का कानून कहता है कि अपील समाप्त होने के बाद फैसले के छह महीने के भीतर दोषी को फांसी दी जानी चाहिए. हालांकि, वास्तविकता में, अधिकांश कैदियों को सालों और कभी-कभी दशकों तक एकान्त कारावास में छोड़ दिया जाता है. जापान के इस सिस्टम और इस प्रथा पर सरकार की पारदर्शिता की कमी की व्यापक आलोचना होती रही है.