चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही देशभर में आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान राजधानी रायपुर में शांति व्यवस्था बनाए रखने और भयमुक्त वातावरण बनाने के लिए जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
इसके साथ ही अस्त्र-शस्त्र धारण करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भय और आतंक का वातावरण खत्म करने, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव, मतदाताओं में भय पैदा न हो, मतदाता भयमुक्त होकर मताधिकार का प्रयोग कर सके।
इसके मद्देनजर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने एक आदेश जारी कर 16 मार्च से जिले में धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का शस्त्र, तलवार, फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरी, कुल्हाड़ी, गुफ्ती, त्रिशूल, खुकरा, सांग और बल्लम समेत अन्य अस्त्र शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं निकलेगा, जो व्यक्ति शासकीय कर्तव्य पर है वे ड्यूटी के दौरान अस्त्र-शस्त्र धारण कर सकेंगे।
यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा जो शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था और विकलांगता के कारण सहारे के रूप में लाठी लेकर चलते हैं साथ ही धार्मिक आस्थाओं के आधार पर धारित अस्त्र-शस्त्र पर भी यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। रायपुर जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा ना ही कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा। ना ही कोई धरना देगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले समूह या व्यक्ति के विरूद्ध धारा दण्ड संहिता के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा चुनाव के खत्म होने तक बिना अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को निषेध कर दिया गया है।
उन्होने कहा है कि निर्वाचन प्रचार-प्रसार और आमसभा प्रचार जुलूस वाहन इत्यादि के लिए क्षेत्र के संबंधित सक्षम प्राधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करने के उपरांत ही ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि में किया जा सकता है। रायपुर जिले के अंतर्गत आने वाले समस्त विधानसभा क्षेत्र हेतु अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, रायपुर को सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया गया है।
लोकसभा चुनाव के लिए समस्त अधिकारी-कर्मचारियों को आदेशित किया गया है कि वे कलेक्टर या जिला निर्वाचन अधिकारी के पूर्वानुमति के न तो अवकाश पर रहेंगे और ना ही मुख्यालय छोड़ेंगे। इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
इसके अनुसार जिला स्तर पर और जिले अंतर्गत समस्त शासकीय, राज्य शासन के विभागीय इकाईयों और उपक्रमों के अमले के अवकाशों की स्वीकृति के लिए जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम अधिकारी होंगे।