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छत्तीसगढ़ : HDFC बैंक से 23 किसानों के खातों से गायब हुए 1 करोड़ 84 लाख रुपए, बैंक मैनेजर पर FIR दर्ज…

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छत्तीसगढ़ : HDFC बैंक से 23 किसानों के खातों से गायब हुए 1 करोड़ 84 लाख रुपए, बैंक मैनेजर पर FIR दर्ज…

छत्तीसगढ़ में बैंक से किसानों के खाते से करोड़ो रुपए के गबन का एक मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने बैंक के मैनेजर पर एफआईआर करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है।

छत्तीसगढ़ में किसानों से करोड़ो की धोकाधड़ी का मामला सामने आया है। धमतरी में एचडीएफसी के बैंक से 23 किसानों के अकाउंट से 1 करोड़ 84 लाख रुपए गायब हो गए हैं। इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने बैंक के मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उसे हिरासत में लेकर जांच कर रही है।

प्रदेश के धमतरी जिले के कुरूद में स्थित एचडीएफसी बैंक के मैनेजर पर किसानों के पैसे गबन करने का आरोप लगाया गया है। बैंक के मैनेजर श्रीकांत टेनेटि ने अपने साथी कर्मचारियों के साथ मिलकर करीब 23 खाताधारक किसानों से उनके क्रेडिट कार्ड, ऋण पुस्तिका, समेत अन्य माध्यमों से विभिन्न तरह के लोन देने के नाम पर उनके खाते से पैसा निकाल लिए है। जैसे ही इसकी जानकारी किसानों को लगी उन्होंने तुरंत ऑनलाइन पैसे निकालने की शिकायत बैंक से की। जिसके बाद 8 मई को बैंक प्रबंधन ने कुरुद थाना में आवेदन दिया था।

खाते से पैसे गायब होने और धोखाधड़ी की शिकायत लेकर पीढ़ित किसानों ने जिले के एसपी और कलेक्टर से की है। कुरूद के एचडीएफसी बैंक के खाता धारकों के खातों से फर्जी तरीके से पैसा निकालने के मामले में जानकारी मिलने के बाद पीड़ित नंद कुमार साहू, बिहू लाल साहू रविंद्र कुमार साहू, भूपेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, महेश कुमार साहू, प्रेम सिंह साहू आदि ने पहले इसकी शिकायत की है। बाद में बैंक के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और खातेदारों को उनकी राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर इसकी शिकायत जिले के कलेक्टर और एसपी से भी की गई है। 

इस मामले में जानकारी देते हुए धमतरी के एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि शिकायक के आधार पर पुलिस ने बैंक के मैनेजर श्रीकांत टेनेटि और कर्मचारी तेजेन्द्र पिता कुंजबिहारी साहू ग्राम डाही के खिलाफ धारा 406, 409, 420, 267, 467, 468 और 120 बी भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बैंक मैनेजर ने किसानों को क्रेडिट कार्ड, ऋण पुस्तिका के लिए खाते से पैसे ट्रांसफर करते थे और मोबाइल और चेक के माध्यम से पैसों को निकाला करते थे।