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छत्तीसगढ़ : भगवान बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। सीएम विष्णुदेव”

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छत्तीसगढ़ : भगवान बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। सीएम विष्णुदेव”

भारत के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की आज पुण्यतिथि है। उन्हें आदिवासी अपना भगवान भी मानते हैं। बिरसा मुंडा ने 25 साल की कम उम्र में ही अंग्रेजों को भयभीत कर रखा था।

महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी पुण्य तिथि पर पूरे भारतवर्ष में याद किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बिरसा मुंडा को को नमन किया है।

सीएम विष्णुदेव ने साय ने एक्स पर लिखा कि महान क्रांतिकारी, आदिवासी जननायक, भगवान बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।

ज्ञात हो कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को मुंडा जनजाति में हुआ था। उन्होंने न केवल देश आजादी में योगदान दिया था, बल्कि उन्होंने आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए भी कई काम किए थे।

भले ही बिरसा मुंडा बेहद कम उम्र में शहीद हो गए थे, लेकिन उनके साहसिक कामों के कारण वह आज भी अमर हैं। बिरसा मुंडा ने बहुत कम आयु में अंग्रेज़ों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया था।

बिरसा मुंडा की शुरुआती शिक्षा सलगा से हुई थी, किंतु उन्हें जर्मन मिशन स्कूल भेज दिया गया, जहां वह ईसाई बन कर बिरसा डेविड हो गए थे। वहां पढ़ाई करने के मध्य उन्हें ब्रिटिशों द्वारा धर्मांतरण कराने जाने का पूरा खेल समझ आ गया था, जिसकी वजह से उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और साथ ही साथ ईसाई धर्म का त्याग भी किया था। ईसाई धर्म छोड़ने के बाद उन्होंने अपना नया धर्म ‘बिरसैत’ शुरू किया था।

देखते ही देखते ही मुंडा और उराँव जनजाति के लोग उनके धर्म को मानने लगे और बिरसा मुंडा को भगवान माना गया। बिरसा मुंडा ने अग्रेजों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी।

फिरंगी उनसे खौफजदा रहते थे। बिरसा मुंडा को 3 मार्च साल 1900 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जेल में उन्हें काफी प्रताड़ना दी गई कि 9 जून, 1900 को सुबह 9 बजे दम तोड़ दिया।