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छत्तीसगढ़ : बलौदाबाजार जिले में उग्रवाद भड़की हिंसा, कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में पथराव, 200 से अधिक दोपहिया और करीब 50 चारपहिया वाहनों को फूंक दिया… कार्यवाही जारी’

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छत्तीसगढ़ : बलौदाबाजार जिले में उग्रवाद भड़की हिंसा, कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में पथराव, 200 से अधिक दोपहिया और करीब 50 चारपहिया वाहनों को फूंक दिया… कार्यवाही जारी’

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 17 मई से चल रहा सतनामी समाज का प्रदर्शन सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सोमवार शाम को उग्र हो गया।

प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में आग लगा दी। पथराव किया, 200 से अधिक दोपहिया और करीब 50 चारपहिया वाहनों को फूंक दिया। लगभग एक घंटे तक बलौदाबाजार कलेक्टर परिसर व शहर के कई इलाकों में तोड़फोड़ की। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कई उपद्रवियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटना की खबर मिलने पर रायपुर रेंज के आइजी अमरेश मिश्रा, बिलासपुर रेंज के आइजी संजीव शुक्ला समेत अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आलाधिकारियों को तनाव कम करने और शांति बहाली के निर्देश दिए हैं।

इसलिए भड़की हिंसा

15 मई की देर रात सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपित नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रविवार को ही इस मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी, लेकिन समाज के लोग सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। वे सोमवार दोपहर लगभग ढाई बजे ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर परिसर पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच झड़प शुरू हो गई। बैरिकेड को तोड़कर भीड़ कलेक्टर परिसर में पहुंच गई। लोगों ने पथराव के साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगाना शुरू कर दिया। इससे कलेक्टर परिसर के कई विभागों के दस्तावेज जलकर राख हो गए। आग बुझाने पहुंची दमकम की कई गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन हिंसक होने के बाद सैकड़ों कर्मचारियों और लोग फंसे हुए थे। उन्हें पुलिस ने कार्यालय के पीछे के रास्ते बाहर निकाला।

देर रात विज्ञप्ति जारी कर पुलिस ने किया दावा –

लगभग 100 मोटरसाइकिल और 30 से अधिक चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी. भीम आर्मी, भीम रेजीमेंट एवं भीम क्रांतिवीर सेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारी के द्वारा मचाया गया उत्पात। 25 से अधिक पुलिसकर्मी और कर्मचारी अधिकारी गंभीर रूप से घायल। उपद्रवियों द्वारा किए गए तोड़फोड़ और आगजनी का आंकलन किया जा रहा है। दशहरा मैदान में सतनामी समाज के 7000 से 8000 लोग इकट्ठा थे. प्रदर्शनकारी अपने साथ पेट्रोल डीजल लेकर आए थे.

बलौदाबाजार शहर में धारा 144 लागू, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

परिस्थितियों को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा के.एल. चौहान ने धारा 144 लगा दी है जहां नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

सतनामी समाज द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन का आह्वान किया गया था, लेकिन सभी ने उग्र होकर पुलिस पर पथराव किया। बैरिकेड तोड़कर कलेक्टर कार्यालय परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद गाड़ियों में आग लगा दी। परिसर में भी तोड़फोड़ की गई।

– सदानंद कुमार, एसएसपी, बलौदाबाजार

अप्रिय स्थिति पर आइजी व कमिश्नर को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली एवं घटना की रिपोर्ट भी मंगी गई है। गिरौदपुरी की अमर गुफा मामले में पूर्व में ही न्यायिक जांच के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा को निर्देशित किया जा चुका है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और सभी से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।

विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री-छत्तीसगढ़

17 मई से चल रहा था शांतिपूर्ण प्रदर्शन

जैतखाम तोड़े जाने से नाराज समाज के लोग कलेक्ट्रेट के पास स्थित दशहरा मैदान में बीते 17 मई से ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें दूसरे राज्यों के सतनामी समाज के लोग भी शामिल हुए थे। 18 मई को कलेक्टर केएल चौहान और एसएसपी सदानंद कुमार को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए ज्ञापन सौंपा था। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग सीबीआइ जांच की मांग को लेकर लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।

क्या है जैतखाम

जैत यानी जय और खाम यानी खंभा। जैतखाम मूलरूप से सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है, जो उनके संप्रदाय का प्रतीक है।

15 मई से लेकर 10 जून तक क्या क्या हुआ

  • 15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
  • 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
  • 17 मई : सामाजिक लोगों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर किया।
  • 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्काजाम किया था।
  • 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में तोड़फोड़ कर दी।
  • 20 मई : समाज के लोगों की बैठक बुलाई, जिसमें कहा गया कि जिन लोगों को पुलिस आरोपित बता रही है, वे असली दोषी नहीं है। मुख्य दोषी लोगों को पकड़ने की मांग को लेकर आंदोलन की रूप रेखा बनाई।
  • 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
  • आठ जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही इस पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कही गई।
  • नौ जून: प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने की घोषणा की।
  • नौ जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।

भाजपा ने जताई साजिश की आशंका, कांग्रेस बोली सरकार की लापरवाही

बलौदाबाजार में हुई हिंसा के बाद राज्य में राजनीति सरगर्म हो गई है। भाजपा ने वारदात में साजिश की आशंका जताई है। वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। सतनामी समाज के गुरु व आरंग के भाजपा विधायक खुशवंत साहेब ने दावा किया कि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद धार्मिक प्रतीकों के साथ हुई तोड़फोड़ के मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार ने जैतखंभ मामले के न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दे दिए हैं। जैतखंभ को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपितों को 48 घंटे में पकड़ा गया है। सोमवार को समाज के लोग शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर जा रहे थे। साजिश के तहत उनके बीच असामाजिक व उपद्रवी तत्व शामिल थे, जिन्होंने भीड़ को उकसाया। जिससे हिंसा हुई है। समाज के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति व्यवस्था बनाए रखे।

रोकी जा सकती थी घटना, शांति की अपील : भूपेश बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंटरनेट मीडिया एक्स पोस्ट पर लिखा कि शासन-प्रशासन द्वारा यदि समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो लोगों की नाराजगी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था। सतनामी समाज बाबा घासीदास के बताए शांति व सद्भाव के रास्ते पर चलने वाला समाज है। मैं समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।

कड़ी कार्रवाई होगी-विजय शर्मा

हिंसा फैलाने वाले तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।

विजय शर्मा, गृहमंत्री छत्तीसगढ़

आयोजकों पर होगी कार्रवाई- आइजी

कलेक्टरेट अभियान के आयोजकों ने शांतिपूर्ण आंदोलन की अनुमति ली थी। हिंसा हुई है, सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया गया है। आयोजकों पर कार्रवाई होगी। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच करेगी।