जनरल कोचों से सफर करने वाले आम यात्रियों की बल्ले-बल्ले होने वाली है. उन्हें धक्का-मुक्की या लटककर यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए लंबा इंतजार भी नहीं करना होगा. दिसंबर से यात्री अपने गंतव्य तक सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकेंगे. भारतीय रेल ने आम यात्रियों की सुविधा के लिए सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में चार-चार जनरल कोच लगाने की डेडलाइन तय कर दी है.
मौजूदा सामय 10 हजार से अधिक ट्रेनें पूरे देश में चल रही हैं. इसमें वंदेभारत, शताब्दी, राजधानी से लेकर मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर, लोकल, ईएमयू और डीएमयू शामिल हैं. मेल एक्सप्रेस की संख्या करीब 822 है. इन सभी ट्रेनों में चार-चार कोच जनरल के लगाए जा रहे हैं. दो आगे और दो पीछे कोच लगेंगे.
अभी तक संख्या तय नहीं थी
अभी तक-मेल एक्सप्रेस में जनरल कोचों की संख्य तय नहीं थी. किसी में एक, किसी में दो, किसी में तीन तो किसी में चार कोच लगते थे. यह कोचों की उपलब्धता पर निर्भर करता था. इसी वजह से जिस ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्य कम होती है, उन ट्रेनों के जनरल कोचों में घुसने के लिए मारामारी होती थी. यात्रियों को लटकर यात्रा करनी पड़ती है. कोच में घुस न पाने की वजह से कई बार ये यात्री स्लीपर कोच में घुसकर मजबूरी में सफर करते थे.
1300 कोच लगाने की जरूरत
रेल मंत्रालय के अनुसार सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में कुल मिलाकर 1300 कोचों की जरूरत पड़ेगी. इन कोचों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. जैसे-जैसे कोच बनते जा रहे हैं, ट्रेनों में लगाए जा रहे हैं. अभी तक 120 ट्रेनों में चार-चार कोच लगाए जा चुके हैं.
2000 कोचों का निर्माण मार्च तक
भारतीय रेलवे कुल 2000 जनरल कोचों का निर्माण मार्च 2024 तक करेगा. इनमें से 1300 कोच लगने के बाद के बाद बचे हुए 700 कोचों को पुराने कोचों से रिप्लेस किया जाएगा. इस तरह जनरल कोचों में लोगों को धक्का मुक्की करके सफर करने की जरूरत नहीं होगी.