छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन के अधूरे कामों को लेकर अपने ही मंत्री से सवाल किया और विधायक मोतीलाल साहू ने अमृत मिशन योजना के अधूरे कामों को लेकर अपने ही मंत्री से सवाल किया। वहीं विधायक राजेश मूणत ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए अमृत मिशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सदन में अमृत मिशन योजना का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि निगम क्षेत्र में अमृत मिशन का काम अधूरा है। परियोजना की हालत खराब है, काम अधूरा है, लेकिन बताया गया कि काम पूरा हो गया है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा अमृत मिशन – राजेश मूणत
वहीं, भाजपा विधायक राजेश मूणत ने अमृत मिशन योजना को लेकर कहा कि यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। इसका जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि अमृत मिशन योजना को लेकर दोबारा सर्वे कराया जाएगा। इसके अलावा रायपुर नगर निगम में अमृत मिशन पर 600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए गए, लेकिन 70 वार्डों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस परियोजना की डीपीआर किसने तैयार की।
जानकारी के अनुसार निगम ने सत्यापन नहीं किया। निगम के तत्कालीन महापौर व पूरी टीम व वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रायपुर नगर निगम के कई क्षेत्रों में, जहां पाइपलाइनें पहले से ही बिछाई गई थीं, ओवरलैपिंग के कारण वे दब गई थीं। अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह योजना लोगों तक नहीं पहुंच पाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
जल जीवन मिशन के बारे में अजय चंद्राकर ने क्या कहा?
वहीं, अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन को लेकर कहा कि उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत संसाधन विहीन जगहों की जानकारी मांगी थी। इस संबंध में पीएचई मंत्री अरुण साव ने कहा कि 653 गांव ऐसे हैं, जहां कोई स्रोत नहीं है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि 4 महीने पहले मंत्री ने मुझे इस बारे में पूरी जानकारी देने का वादा किया था, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया। कितने गांवों में जल स्रोत नहीं हैं?
कितने गांवों में पाइपलाइन और टैंक बनाए गए हैं? पीएचई मंत्री ने कहा कि प्रत्येक योजना में स्रोत की पहचान की गई थी। 653 गांवों में पाइपलाइनों और टैंकों का निर्माण किया गया है। ग्राम सभा ने इसे मंजूरी दे दी है और हैंडपंप के लिए निविदा अप्रैल 2023 में जारी की गई थी। कार्य का विश्लेषण करने के बाद सरकार ने छह कार्यकारी अभियंताओं को तत्काल निलंबित कर दिया।