70 के दशक में जो सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड लोगों का फेवरेट था, उसका एक बार फिर भारत के मार्केट में दबदबा दिख रहा है. हम बात कर रहे हैं रिलायंस के कैंपा कोला की, जिसे मुकेश अंबानी ने नए अवतार में पेश किया है, जिसने कोका कोला और पेप्सी जैसे बड़े ब्रांड्स के पसीने छुड़ा रखे हैं.
भारत में दिग्गजों को पसीने छुड़ाने के बाद अब रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने इस सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड को इंटरनेशनल बनाने जा रहे हैं और विदेश ले जाना चाहते हैं.
■ रिलायंस इंडस्ट्रीज कैम्पा कोला को मिडल ईस्ट में ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
■ मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली यह कंपनी मिडल ईस्ट में भारतीय बाजार के लिए अपनी रणनीति को ऐसे समय में दोहराने की संभावना है, जब कोका-कोला और पेप्सिको कथित तौर पर अमेरिकी उत्पादों को छोड़ने के आह्वान का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि अमेरिका ने इजरायल को विशेष रूप से गाजा में युद्ध में समर्थन दिया है.
■ भारत से कैम्पा कोला की खेप पहले ही बहरीन के खुदरा स्टोरों तक पहुंच चुकी है और कंपनी चरणों में ओमान और सऊदी अरब जैसे और देशों को जोड़ेगी।
■ रिलायंस को उम्मीद है कि मिडल ईस्ट में स्थानीय उपभोक्ताओं द्वारा अमेरिकी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान से उसे लाभ होगा, क्योंकि इजरायल को अमेरिका का समर्थन मिल रहा है.
■ कई खाड़ी देशों में कोका-कोला और पेप्सिको की बिक्री प्रभावित हुई है, क्योंकि वहां के उपभोक्ता स्थानीय कोला या अन्य देशों के ब्रांड की ओर रुख कर रहे हैं.
■ रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी, जो समूह के एफएमसीजी और खुदरा कारोबार का नेतृत्व करती हैं, ने 2023 की AGM के दौरान कंपनी के शेयरधारकों से कहा था कि ग्रुप की योजना कैंपा को “एशिया और अफ्रीका से शुरू करके ग्लोबल लेवल पर ले जाने की है. यानी वो कैम्पा कोला को इंटरनेशनल खिलाडी बनाना चाहते हैं.
भारतीय उपभोक्ता मूल्य-केंद्रित है और कैम्पा की ₹10 की कठोर कीमत, उच्च व्यापार कमीशन और सिर्फ PET बोतल स्ट्रैटेजी उनके प्रतिद्वंदियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है. डाबर, टाटा कंज्यूमर और वरुण बेवरेज जैसी लिस्टेड FMCG ड्रिंकिंग कंपनियां कैम्पा से दबाव भी महसूस कर रही हैं