सलाद और सब्जियों में टमाटर का बड़ा महत्व माना जाता है, लेकिन वही टमाटर अब घाटे के चलते किसानों के लिए मुसबीत का सबब बन गया है. इसलिए किसान अपने-अपने खेतों में टमाटर की फसल को नष्ट करने में जुटे हुए देखे जा रहे हैं. खेतों में ही टमाटर की फसल को ट्रैक्टर के माध्यम से खत्म करने में जुट गए हैं.
असल में ज्यादा उत्पादन के चलते इटावा में टमाटर का भाव न के बराबर किसानों को मिल रहा है. खेत से टमाटर को निकालने से लेकर मंडी तक लाने में बड़ा खर्चा आने ओर अच्छा भाव न मिलने के कारण किसान अपनी टमाटर की फसल को खेतों में ही नष्ट कर रहे हैं.
बता दें कि टमाटर का बाजार भाव न के बराबर है. इस वजह से किसानों को अपने-अपने खेतों में टमाटर की फसल को नष्ट करना पड़ रहा है. इस समय टमाटर उत्पादक किसानों की स्थिति बहुत खराब है. किसानो की मजदूरी भी नही निकल रही है. टमाटर का भाव गिरकर पांच रुपए किलो पहुंच जाने से दुखी एक किसान ने अपने टमाटर के खेत पर ट्रैक्टर चला दिया. पहले उसने लोगों से मुफ्त में टमाटर ले जाने के लिए कहा जब लोग नहीं पहुंचे तो ट्रैक्टर चला दिया.