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Rafale Vs F-18: वर्षों से डोरे डाल रहा था अमेरिका, मगर भारत ने दशकों पुराने प्यार को अपनाया

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भारत ने आखिरकार अपने दशकों पुराने प्यार को सोमवार को अंजाम तक पहुंचा दिया. हां, आप बिल्कुल सही पढ़ करहे हैं. दरअसल भारतीय नौसेना ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल एम की डील कर ली. भारत फ्रांस से अपनी नौसेना के लिए कुछ 26 राफेल विमान खरीदेगा. इससे पहले भारत वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीद चुका है. राफेल से पहले भारत ने 1980 के दशक में राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट से करीब 50 मिराज-200 विमानों की खरीद की थी. यानी राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट से साथ भारत पुराने समय से मोहब्बत कर रहा है.

भारत ने क्यों चुना राफेल
रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना ने दो एयरक्राफ्ट को शॉर्टलिस्ट किया था. एक F-18 सुपर हॉरनेट और दूसरा फ्रांस का राफेल मरीन. दुनिया के सबसे बेहतर नेवल फाइटर F-18 के इस रेस में हारने की सबसे बड़ी वजह इसका 4 दशक पुराना होना था. पिछले 40 साल से ज़्यादा वक्त से अमेरिकी नौसेना अपने एयरक्राफ्ट कैरियर से F-18 सुपर हॉर्नेट के अलग-अलग वर्जन को उड़ा रही है. राफेल बिल्कुल नया एयरक्राफ्ट है. कैटोबार से टेकऑफ करने में माहिर इस F-18 को स्की जंप से टेकऑफ का कोई अनुभव नहीं था.