राजनांदगाव नगर निगम दो महीने से 10 करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण करवा रही है, लेकिन दो महीने बीतने के बाद ही सड़कें उखड़ने लगी हैं, इससे सड़क निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार और उसकी गुणवत्ता के साथ ठेकेदारों की मनमानी दोनों उजागर हुई है.
राजनांदगांव जिले में सड़क निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. दरअसल, राजनानंदगाव नगर निगम क्षेत्र में 10 करोड रुपए की लागत से सड़कों का कराया जा रहा है, लेकिन निर्माण के दो महीने बाद ही नवनिर्मित सड़कों में दरारें पड़ने लगी है और जगह-जगह से सड़कें उधड़ने लगी है.
राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र के 51 वार्ड में चल रहा है सड़कों का निर्माण कार्य
रिपोर्ट के मुताबिक राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र के 51 वार्ड में सड़कों की मरम्मत और निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन महज दो महीने के बाद निर्मित सड़कों की परतें उखड़ने लगी हैं है. सड़क निर्माण में ठेकेदार सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहा है और निगम के अधिकारी सड़कों का निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहे हैं.
अगर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो बारिश में खराब हो जाएगी नवनिर्मित सड़कें
गौरतलब है वर्तमान में शहर के विभिन्न वार्डों में सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हालत यह है कि कई जगह सड़कें उखड़ने लगी है, जिससे उस पर चलने वाली गाड़ियां हिचकोले खा रही है. माना जा रहा है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बारिश से पहले ही सड़कें खराब हो जाएगी.
शहर के बीच से भारी गाड़ियों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हो गईं सड़कें
मामले पर नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने कहा कि हमने शहर में बीटी का काम कराया था, अभी काम चल भी रहा है. उन्होंने कहा कि शहर के बीच से भारी गाड़ियों का आवागमन के कारण कहीं-कहीं पर सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, इसका रिपेयर का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बड़ी गाड़ियों का प्रवेश निषेध के लिए हाइट कटर भी लगा रहे हैं.