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एयरपोर्ट पर बदलने वाली हैं ये 5 चीजें, एयर ट्रैवल होगा आसान और सुरक्षित, CISF ने लिया बडा फैसलाEDC

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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने एयर ट्रैवल को अधिक सुरक्षित, तेज और पैसेंजर फ्रेंडली बनाने का रोडमैप तैयार किया है. इसी मुद्दे पर 27 जून 2025 को सीआईएसएफ के एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय में एक विशेष वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें इस रोड मैप को लेकर लंबी चर्चा की गई.
सीआईएसएफ द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में सीआईएसएफ की सुरक्षा जद में आने वाले सभी 69 एयरपोर्ट के चीफ सिक्‍योरिटी ऑफिसर शामिल हुए. इसके अलावा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), दिल्ली पुलिस, एसपीजी, एनएसजी, ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारियों ने भी हिस्‍सा लिया. इसके अलावा, दिल्‍ली एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, एयर इंडिया एक्‍सप्रेस और इंडिगो के अधिकारी भी इस वर्कशॉप में शामिल थे.

तकनीक से लैस पैसेंजर्स के लिए होगा नया अनुभव
अगर आप उन लोगों में से हैं जो समय बचाना चाहते हैं और तकनीक के साथ चलते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है! वर्कशॉप में बायोमेट्रिक एयरपोर्ट एंट्री पास (AEP), चेहरे की पहचान करने वाले सीसीटीवी और वाहनों के लिए ऑटेमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजर (ANPR) जैसी तकनीकों को अपनाने की बात हुई है. इसके अलावा, फास्ट टैग को भी एयरपोर्ट्स के सिक्‍योरिटी सिस्‍टम के साथ जोड़ा जाएगा. जल्‍द ही, एयरपोर्ट की इंट्री और सिक्‍योरिटी चेक में कम समय लगेगा. कतारें छोटी होंगी और आप जल्दी से अपने बोर्डिंग गेट तक पहुंच जाएंगे.

नियमित और नए यात्रियों के लिए सुगम यात्रा
चाहे आप हर हफ्ते एयर ट्रैवल करते हों या पहली बार एयरपोर्ट पर कदम रख रहे हों, आपके लिए अनुभव अब अधिक आसान होगा. वर्कशॉप में सिक्‍योरिटी स्‍टाफ, एयरलाइन स्‍टाफ और अन्य स्टाफ के लिए एक समान ट्रेनिंग की बात हुई. इसका मतलब है कि आपको हर एयरपोर्ट पर एक जैसा प्रोफेशनल एक्‍सपीरियंस मिलेगा. इस कवादय से पैसेंजर्स का भ्रम कम होगा और आपकी यात्रा सुगम होगी. छोटे शहरों में नए विमानन सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान (ASTI) खोलने की योजना भी बन रही है, ताकि देश के हर कोने में एकसमान सुरक्षा मानक हों.
वीआईपी की सुरक्षा में बढ़ोतरी
अगर आप कोई वीआईपी हैं या खास मेहमानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो आपके लिए भी अच्छी खबर है. वर्कशॉप में उन्नत वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गहन चर्चा हुई. इसमें एंटी-ड्रोन तकनीक और अंदरूनी खतरों की जांच को और मजबूत करने की योजना है. इसके अलावा, अब एयरपोर्ट पर लेयर्ड प्रोटेक्शन की रणनीति अपनाई जाएगी, जिससे वीआईपी को सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा मिले, लेकिन आम यात्रियों की सुविधा पर कोई असर न पड़े.

शिकायतों का होगा तुरंत समाधान
क्या आपको कभी एयरपोर्ट पर कोई परेशानी हुई और आपकी शिकायत का जवाब देर से मिला? अब ऐसा नहीं होगा! वर्कशॉप में पैसेंजर कंप्‍लेन रिड्रेसल सिस्‍टम को पूरी तरह से सुधारने की बात हुई. सभी स्‍टेक होल्‍डस्र ने सहमति जताई कि पैसेंजर्स की शिकायतों को तुरंत, संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ निपटाया जाएगा. एयरसेवा जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करके आपकी शिकायतों का त्वरित समाधान होगा, और कर्मचारियों का व्यवहार भी अधिक सहानुभूतिपूर्ण होगा.
सहयोग से बनेगा सुरक्षित भविष्य
सीआईएसएफ के विशेष महानिदेशक प्रवीर रंजन ने कहा कि यह वर्कशॉप सही समय पर आयोजित हुई, क्योंकि हाल के हुए जियोपॉलिटिकल चेंजेज ने एविएशन सिक्‍योरिटी के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं. उन्होंने सभी एजेंसियों के बीच निरंतर सहयोग और जानकारियों के आदान-प्रदान की जरूरत पर बल दिया. वहीं, एयरपोर्ट सेक्‍टर के आईजी विजय प्रकाश ने कहा कि निर्बाध समन्वय, खुफिया जानकारी और तकनीकी एकीकरण से हम हमेशा खतरों से एक कदम आगे रहेंगे.
वहीं, डीजीसीए फैज अहमद किदवई ने कहा कि सुरक्षा और यात्री सुविधा को एक साथ सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. वर्कशॉप के अंत में एयरपोर्ट सेक्‍टर के आईजी जोस मोहन ने जोर देकर कहा कि विमानन सुरक्षा का मानकीकरण तभी संभव है, जब हम नवाचार, सहयोग, और निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहें.