रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (एसआरआईएमएसआर) को मान्यता दिलाने और सीटे बढ़ाने के नाम पर 55 लाख की रिश्वत लेने वाले 6 आरोपियों के रैकेट को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।
यहां हुई थी छापेमार कार्रवाई
बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाए जाने को लेकर देशभर के विभिन्न निजी कॉलेजों में लेनदेन करने की शिकायत मिली थी। मिले इनपुट के आधार पर सीबीआई ने एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों में छापेमारी की। साथ ही रायपुर और बेंगलूरु में छापेमारी कर उक्त सभी को गिरफ्तार किया गया है।
रिश्वतखोरी की जानकारी लीक
मेडिकल कॉलेज मान्यता देने के लिए गठित टीम के डॉक्टरों और अफसरों ने कॉलेज प्रबंधन से मिलीभगत कर निरीक्षण टीम की जानकारी पहले लीक कर दी थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेजों ने घोस्ट फैकल्टी, नकली मरीज और फर्जी उपस्थिति जैसे फॉर्मूले अपनाकर निरीक्षण को अनुकूल दिखाया। इस फर्जीवाडे़ के एवज में निरीक्षण टीम को रिश्वत दी गई।
केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों की भूमिका संदिग्ध
सीबीआई के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रिश्वतखोरी के मामले में रावतपुरा कॉलेज संचालक और अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कुछ अफसरों की भूमिका संदेह के दायरे में है। अब तक की जांच में सभी की संलिप्ता मिली है। इसे देखते हुए उक्त सभी से पूछताछ कर बयान लिया जाएगा।
ऑनलाइन दी गई रिश्वत
सीबीआई का कहना है कि एनएमसी द्वारा नामित 4 मूल्यांकनकर्ताओं वाली निरीक्षण टीम 30 जून 2025 को एसआरआईएमएसआर रायपुर में निरीक्षण के लिए पहुंची। इस दौरान निरीक्षण दल के सभी 4 सदस्यों ने एसआरआईएमएसआर के निदेशक अतुल कुमार तिवारी के साथ गोपनीय बैठक हुई थी।
6 राज्यों में कार्रवाई
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और दिल्ली में भी कार्रवाई की गई है। इस दौरान सीबीआइ टीम को कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं।
दस्तावेज जब्त
सीबीआई को छापेमारी के आरोपियों के ठिकानों और रावतपुरा कॉलेज में तलाशी के दौरान दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले है। इसमें आरोपियों के मोबाइल फोन से डिजिटल डेटा, फाइलें, संदेश और स्क्रीनशॉट सहित अन्य शामिल गए हैं।