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टाटा की ये कंपनी खराब पार्ट्स के साथ उड़ा रही थी विमान, DGCA को गच्‍चा देने को रिकार्ड में किया हेरफेर

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नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की कड़ी फटकार के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस ने शुक्रवार को अपने एयरबस ए320 विमान में इंजन के पुर्जे बदलने में हुई गलती को स्वीकार किया और कहा कि उसने अब इस समस्या को ठीक कर लिया है. एयर इंडिया एक्‍सप्रेस एयर इंडिया की सहायक कंपनी है. इसका स्वामित्व टाटा ग्रुप के पास है. यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए) द्वारा मई 2023 में जारी एक एयरवर्थनेस डायरेक्टिव (एडी) में एयर इंडिया एक्‍सप्रेस के दो विमानों के ईंजन पार्ट्स बदलने का निर्देश दिया था. इंजनों में कुछ निर्माण संबंधी खामियां पाई गई थीं. खराब पार्ट्स से इंजन फेल होने का खतरा था. लेकिन, एयर इंडिया एक्‍सप्रेस ने पार्ट्स नहीं बदले. खास बात यह है कि एयरलाइन ने रिकॉर्ड्स में हेरफेर किया ताकि यह लगे कि काम समय पर हो गया है, जबकि असल में ऐसा नहीं हुआ था.
आईएएनएस के साथ शेयर किए गए एक बयान में एयरलाइन ने कहा कि यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए) द्वारा मई 2023 में जारी एक एयरवर्थनेस डायरेक्टिव (एडी) कंपनी की इन्वेंट्री में मौजूद दो इंजनों पर लागू था. एयरलाइन ने बताया कि एक इंजन में निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक परिवर्तन किया गया था, एयरलाइन के मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड माइग्रेशन समस्या के कारण दूसरे इंजन के लिए निर्देश छूट गया था. यानी उसका पार्ट्स नहीं बदले गए.

बाद में सुधारी गई गलती
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने आगे कहा कि “जैसे ही इसकी पहचान हुई” आवश्यक परिवर्तन किए गए और दूसरे इंजन के लिए अनुपालन भी समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया गया. एयर इंडिया एक्‍सप्रेस ने बयान में कहा, “हमने डीजीसीए के समक्ष त्रुटि को स्वीकार किया और तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कार्रवाई और निवारक उपाय किए. जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई भी की गई.”
डीजीसीए के मेमो से मिली चूक की जानकारी

डीजीसीए के मेमो में एयर इंडिया एक्सप्रेस के अनिवार्य समय सीमा के भीतर इंजन के पुर्जे बदलने में विफल रहने और कथित तौर पर गलत अनुपालन दिखाने के लिए रखरखाव रिकॉर्ड में फेरबदल करने की जानकारी मिली थी. अक्टूबर 2024 में नियमित डीजीसीए ऑडिट के दौरान इन उल्लंघनों का पता चला और इसे लेकर मार्च में एयरलाइन को औपचारिक रूप से सूचित किया गया था.

डीजीसीए मेमो ने संकेत दिया था कि एयरबस ए320 के एक इंजन पर आवश्यक सीमाओं के भीतर पार्ट संशोधन का अनुपालन नहीं किया गया था. डीजीसीए ने एयरलाइन के एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस एंड इंजीनियरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (एएमओएस) में रिकॉर्ड से संभावित छेड़छाड़ पर भी चिंता जताई.