टारगेट पूरा न होने पर कंपनी द्वारा वेतन कटौती और बोनस आदि रोक लेने की शिकायत अक्सर कर्मचारी करते हैं. लेकिन, जापानी की एक कंपनी ने तो इस मामले में हद ही पार कर दी है. कमजोर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को वो ऐसी सजा देती है कि उससे कई कर्मचारी तो डिप्रेशन का शिकार हो गए. ओसाका स्थिन नियो कॉर्पोरेशन पर उसके पांच कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कमजोर प्रदर्शन करने पर कंपनी कर्मचारियों को अपने न्यूड फोटो खिंचने और उसे सहकर्मियों के साथ शेयर करने को मजबूर करती है. बिजली और एनर्जी सेविंग प्रोडक्ट्स की इंस्टॉलेशन सेवाओं से जुड़ी कंपनी अब कर्मचारियों के यौन शोषण के आरोपों में घिर गई है.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब Neo Corporation विवादों में आई है. इससे पहले भी कंपनी ने भ्रामक भर्ती विज्ञापन देकर आलोचना झेली थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनके सेल्स स्टाफ की औसत सालाना आय 1.427 करोड़ येन (लगभग 97,000 अमेरिकी डॉलर) है. Neo Corporation ने सभी आरोपों से इनकार किया है. अपने आधिकारिक बयान में कंपनी ने दावा किया कि मुकदमे में “तथ्यात्मक त्रुटियां” हैं और यह “एकतरफा नजरिए” पर आधारित है.
पांच कर्मचारियों ने किया मुकद्दमा दायर
मार्च 2025 में पांच पूर्व कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया. इन कर्मचारियों ने कोर्ट से 1.9 करोड़ येन (करीब 1.32 लाख अमेरिकी डॉलर) के मुआवजे की मांग की है. उनका आरोप है कि कंपनी में काम करने के दौरान उनका यौन और उत्पीड़न किया गया और उनके साथ शारीरिक हिंसा की गई. साथ ही उनका वेतन भी अवैध तरीके से काट लिया गया.
कंपनी ने की हद पार
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक कर्मचारी ने बताया कि जब वह अपने दैनिक बिक्री लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता था तो उसका सेल्स मैनेजर उसे अपनी नग्न तस्वीर खींचने के लिए कहता था. यह अपमानजनक तस्वीर फिर अन्य कर्मचारियों को भेज दी जाती थी और उस पर संदेश होता: “इसे साझा कर दिया गया है.” बात यहीं पर खत्म नहीं हुई.
कर्मचारी ने बताया कि उसका सीनियर उसे शारीरिक दंड के रूप में नियमित तौर पर जननांगों को छूता था. जब उसने इस बारे में शाखा प्रबंधक से शिकायत की तो उसे हल्के में लेते हुए कहा गया, “इससे हर कोई गुजरता है.” लगातार मानसिक और शारीरिक शोषण के कारण पीड़ित कर्मचारी को एडजस्टमेंट डिसऑर्डर और डिप्रेशन (अवसाद) का सामना करना पड़ा. यह घटनाएं कंपनी में फैली हुई गहरी और जहरीली कार्यसंस्कृति की ओर इशारा करती हैं.
गाली-गलौच आम बात
आरोप केवल यौन शोषण तक सीमित नहीं हैं. अन्य कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे अत्यधिक ओवरटाइम करवाया गया. उनके साथ गाली-गलौच किया गया और वेतन से कमीशन की कटौती कर ली गई. एक शाखा प्रबंधक ने आरोप लगाया कि जब उसने एक कंपनी डिनर में शामिल होने से इनकार किया तो कंपनी के निदेशक ने उसे थप्पड़ मार दिया.