Home राजनीति “उपराष्ट्रपति चुनाव पर गरमा रहा सियासी माहौल, NDA बनाम INDIA ब्लॉक, कौन...

“उपराष्ट्रपति चुनाव पर गरमा रहा सियासी माहौल, NDA बनाम INDIA ब्लॉक, कौन बाजी मारेगा? होने वाली है बड़ी बैठक”

16
0

“उपराष्ट्रपति चुनाव पर गरमा रहा सियासी माहौल, NDA बनाम INDIA ब्लॉक, कौन बाजी मारेगा? होने वाली है बड़ी बैठक”

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति पद की लड़ाई ने दिल्ली की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है। 9 सितंबर को होने वाले चुनाव से पहले सत्ता पक्ष NDA और विपक्ष INDIA ब्लॉक दोनों ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है।

आज शनिवार की शाम NDA और INDIA ब्लॉक दोनों की अहम बैठक होने वाली है। एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। तो वहीं इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है।

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक ने आज (06 सितंबर) रात 8 बजे वर्चुअल मीटिंग बुलाई है, जिसमें विपक्ष के लगभग सभी सांसद शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी दल अपनी संयुक्त रणनीति पर चर्चा करेंगे और रेड्डी के समर्थन को मजबूती देने की कोशिश करेंगे।

इसके बाद विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के सांसदों को 8 सितंबर को प्रक्रिया समझाई जाएगी और उसी दिन एक मॉक पोल (प्रैक्टिस वोटिंग) भी कराई जाएगी।

क्या चंद्रबाबू नायडू उपराष्ट्रपति चुनाव में कर सकते खेला? सुदर्शन रेड्डी के बयान से मची हलचल, क्या है माजरा

▶️ उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा का मैराथन प्रोग्राम भाजपा ने अपने सांसदों को साफ निर्देश दिए हैं कि आने वाले तीन दिनों तक वे पूरी तरह चुनावी तैयारियों में जुटे रहें। शनिवार शाम यानी आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सांसदों को डिनर पर बुलाया। रविवार (07 सितंबर) को सांसद संसद भवन स्थित जीएमसी बालयोगी सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल होंगे।

सोमवार (08 सितंबर) को तीन घंटे की वर्कशॉप के बाद शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एनडीए सांसदों को रात्रिभोज देंगे। इसके अगले दिन यानी मंगलवार (09 सितंबर) को वोटिंग होगी।

भाजपा ने तमिलनाडु के विपक्षी दलों से भी अपील की है कि वे इस बार राधाकृष्णन के समर्थन में वोट देकर “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को दूसरा कार्यकाल न दिलाने की ऐतिहासिक भूल” को सुधारें।

‘अगर ऐसा न किया गया होता तो’, विपक्षी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को लेकर अमित शाह का बड़ा खुलासा

▶️ संसद का नंबर गेम किसके पक्ष में? उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 782 सांसद पात्र हैं (लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर)। लोकसभा और राज्यसभा में इस समय 6 सीटें खाली हैं, इसलिए 788 की बजाय 782 सांसद मतदान करेंगे।

लोकसभा में इस वक्त 542 और राज्यसभा में 240 सांसद हैं। भाजपा के पास अकेले ही लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 134 सांसद हैं। सहयोगी दलों को जोड़कर एनडीए की ताकत 427 तक पहुंचती है।

इंडिया ब्लॉक के पास लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर 312 सांसद हैं। अगर आम आदमी पार्टी (11 सांसद) का समर्थन भी मिल जाए तो संख्या 323 हो जाएगी। लेकिन वाईएसआरसीपी (11 सांसद) पहले ही एनडीए का समर्थन घोषित कर चुकी है। इस तरह एनडीए का आंकड़ा 433 हो जाता है, जो विपक्ष पर साफ बढ़त दिखाता है।

▶️ किसे कितना वोट मिलेगा अनुमानित संख्या जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी (INDIA ब्लॉक उम्मीदवार) को लगभग 323 वोट मिलने तय माने जा रहे हैं।

एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को कम से कम 438 वोट मिलने की संभावना है (जिसमें YSR कांग्रेस के सांसद भी शामिल हैं)।

करीब 21 सांसदों की प्राथमिकता अभी स्पष्ट नहीं है। आंकड़े साफ दिखाते हैं कि एनडीए का पलड़ा भारी है, लेकिन विपक्ष भी आखिरी वक्त तक पूरा दमखम लगाकर चुनाव को दिलचस्प बनाने की कोशिश कर रहा है।

▶️ उपराष्ट्रपति चुनाव:

कैसे होता है वोटिंग का प्रोसेस? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation System) और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (Single Transferable Vote) पद्धति से कराया जाता है।

हर सांसद (मतदाता) को उम्मीदवारों के नाम के सामने प्राथमिकताएं (Preferences) देनी होती हैं।

प्राथमिकता संख्या (figures) में ही लिखनी होती है- जैसे 1, 2, 3… इसे अंतर्राष्ट्रीय अंकों (1,2,3) में, रोमन अंकों (I, II, III) में या किसी मान्यता प्राप्त भारतीय भाषा के अंकों में लिखा जा सकता है।

पहली प्राथमिकता (First Preference) देना अनिवार्य है। अगर पहली प्राथमिकता नहीं दी गई तो बैलेट पेपर अमान्य (invalid) हो जाएगा।

दूसरी, तीसरी या आगे की प्राथमिकताएं देना वैकल्पिक है।

▶️ बैलेट पेपर और पेन का नियम चुनाव आयोग (Election Commission) विशेष पेन उपलब्ध कराएगा। वही पेन इस्तेमाल करना होगा, जो मतदान अधिकारी द्वारा मतदाता (सांसद) को बैलेट पेपर के साथ दिया जाएगा।

यदि कोई सांसद अपने निजी पेन से निशान लगाता है, तो उसकी वोटिंग गिनती के समय अमान्य कर दी जाएगी।