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”प्रशांत किशोर से NDA को टेंशन? BJP जोरदार काउंटर प्लान के साथ दो-दो हाथ के लिए तैयार”

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बिहार विधानसभा चुनाव में अब दो महीने का वक्त भी नहीं बचा है। माना जा रहा है कि इसी महीने चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा। इस बार एनडीए (NDA) के सामने महागठबंधन (RJD+Congress) के अलावा प्रशांत किशोर की भी चुनौती है।

पीके की पार्टी जनसुराज ने प्रदेश की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने पीके को बीजेपी हल्के में नहीं ले रही है। जनसुराज की वजह से वोटों में बिखराव न हो इसके लिए भी खास रणनीति तैयार कर ली है।

बताया जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बैठक में यह स्वीकार किया गया है कि प्रशांत किशोर जो मुद्दे उठा रहे हैं, वह विपक्ष को उठाने चाहिए थे। ऐसे में एनडीए की चिंता है कि एंटी-इनकंबेंसी वाले वोट पीके के खाते में जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो एनडीए के समीकरणों को चोट पहुंच सकती है।

Bihar Chunav में पीके से निपटने के लिए बीजेपी का खास प्लान सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी को विश्वास है कि सवर्ण और शहरी वोटर मजबूती के साथ उनके साथ जुटा है। अब युवा और ओबीसी, दलित वोटर्स को अपने साथ जोड़े रखने के लिए बीजेपी खास चुनावी रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए चुनावी सभाओं के अलावा टार्गेट ग्रुप बनाकर हर वर्ग के मतदाताओं के साथ पहुंचने का प्लान है। साथ ही, युवाओं के लिए चौपाल सभा और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा। पीके के आक्रामक प्रचार को बेअसर करने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति सेट कर ली है। इसमें हर समूह के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए टार्गेट ग्रुप पर काम करना है।

“Prashant Kishor भ्रष्टाचार के मुद्दे पर रहे हैं हावी” प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर तीखा हमला बोल रहे हैं। पीके ने अपनी सभाओं में मंगल पांडेय और सम्राट चौधरी पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी यह मानकर चल रही है कि उसके कोट वोटर साथ नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में प्रशांत किशोर जैसे तीखे आरोप लगा रहे हैं उसे अरविंद केजरीवाल मॉडल के आधार पर ध्वस्त किया जा सकता है। बीजेपी की तरफ से भी करारा जवाब देते हुए कहा जा रहा है कि पीके सिर्फ आरोप लगाकर भागना चाहते हैं। अब देखना यह है कि चुनाव के दौरान मतदाता कौन से प्रचार से ज्यादा स्तर तक प्रभावित होते हैं।