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“फिलिस्तीन देश बनकर रहेगा? फ्रांस समेत 6 यूरोपीय देशों ने मान्यता देने का किया ऐलान, इजरायल और अमेरिका पड़े कमजोर?”

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फ्रांस ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने की घोषणा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि शांति का समय आ गया है। उन्होंने युद्ध के बाद गाजा में संयुक्त राष्ट्र से अधिकृत एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की योजना पेश की है।

इसे कई देशों से समर्थन मिलने की उम्मीद है, लेकिन इजरायल या अमेरिका की तरफ से ऐसा होने की संभावना नहीं है। सोमवार शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में एक विशेष शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में मैक्रों ने कहा, गाजा में युद्ध, नरसंहार और मौतों को समाप्त करने का समय आ गया है।

इमैनुएल मैक्रों ने कहा, फिलिस्तीनी लोगों के लिए न्याय करने और इस प्रकार गाजा, पश्चिमी तट और यरुशलम में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का समय आ गया है। फ्रांस ने सऊदी अरब के साथ इस विशेष शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन में अमेरिका शामिल नहीं हुआ और इजरायली अधिकारियों ने इस पहल को खारिज कर दिया। G7 के अन्य देश जर्मनी और इटली ने भी सम्मलेन से दूरी बनाई।

इन देशों ने भी दी फिलिस्तीन को मान्यता फ्रांस के साथ ही एंडोरा, माल्टा, लक्जमबर्ग और मोनाको भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की। बेल्जियन ने भी फिलिस्तीन राज्य की मान्यता को अपना समर्थन दिया, लेकिन कहा कि यह कानूनी रूप से तभी प्रभावी होगा, जब हमास को हटा दिया जाएगा और बंधकों को वापस कर दिया जाएगा। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने फिलिस्तीन राज्य को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘यह सम्मेलन मील का पत्थर है, लेकिन यह इस यात्रा का अंत नहीं है। यह तो बस शुरुआत है।’

इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि ‘फिलिस्तीनी देश को मान्यता देना एकमात्र साधन है, जो इजरायल को शांति से रहने देगा।’ उन्होंने कदम को हमास की हार बताया। मैक्रों ने कहा, हमें द्वि-राष्ट्र समाधान की संभावना को बनाए रखने के लिए अपनी पूरी शक्ति से प्रयास करना चाहिए, ताकि इजरायल और फिलिस्तीन शांति और सुरक्षा के साथ-साथ रह सकें। उन्होंने आगे कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को मान्यता देने से इजरायल के लोगों के अधिकारों में कोई कमी नहीं आएगी, जिनका फ्रांस ने पहले दिन से समर्थन किया है।

फिलिस्तीन का बढ़ता समर्थन फ्रांस की घोषणा ऐसे समय में आई है, जब ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगान ने पिछले सप्ताह के आखिर में फिलिस्तीनी देश को मान्यता का ऐलान किया है। वे 145 से अधिक देशों में शामिल हो गए हैं, जो पहले से फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं।

इस बीच आठ अरब और मुस्लिम देशों के नेता डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। मंगलवार को होने वाली इस बैठक में सऊदी अरब, तुर्की, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इंडोनेशिया, कतर और जॉर्डन शामिल होंगे। एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बैठक में डोनाल्ड ट्रंप गाजा में युद्ध को खत्म करने और उसके बाद की योजना पेश कर सकते हैं। अमेरिकी और अरब अधिकारियों का कहना है कि यह अमेरिकी योजना होगा न कि एक इजरायली योजना।