सोने-चांदी की कीमत इस समय आसमान छू रही है। ये दोनों धातु इस साल निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दे चुकी हैं। सोने में 40 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। कल यानी सोमवार को दिल्ली में सोना 2,200 रुपये उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
इसके दाम अब 1,16,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। वहीं चांदी भी 4,380 रुपये चढ़कर 1,36,380 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इसी बीच एक एक्सपर्ट ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो सोना और चांदी खरीदना चाहते हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट एस नरेन ने निवेशकों को यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सोना और चांदी के पीछे भागना नुकसानदायक हो सकता है। खासकर तब, जब इनकी कीमतें पहले से ही बहुत बढ़ चुकी हों। नरेन ने कहा कि जो लोग हाल ही में सोना और चांदी के दाम बढ़ने के बाद इनमें निवेश कर रहे हैं, उन्हें लंबे समय तक नुकसान हो सकता है। उन्होंने ET Money के साथ एक पॉडकास्ट में यह बात कही।
क्यों दी निवेश न करने की सलाह नरेन का कहना है कि जो निवेशक किसी चीज के दाम बढ़ने के बाद उसमें पैसा लगाते हैं, वो ‘एंटी-एसेट एलोकेशन’ करते हैं। उन्होंने कहा कि एंटी-एसेट एलोकेशन आम तौर पर आपदा की ओर ले जाती है। उनका मानना है कि ऐसा करने से लंबे समय में नुकसान होता है। हालांकि, शुरुआत में यह गलत नहीं लगता।
सोना और चांदी के ईटीएफ में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। पिछले एक साल में इन धातुओं ने इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन नरेन का कहना है कि यही वजह है कि निवेशकों को सावधान रहना चाहिए, उत्साहित नहीं।
उदाहरण देकर समझाई अपनी बात नरेन ने उदाहरण देते हुए कहा, ‘अगर आप ढाई साल पहले चांदी में निवेश करते, तो यह बहुत अच्छा होता। तब चांदी का प्रदर्शन बहुत खराब था।’ लेकिन अब लोग चांदी के बारे में बात कर रहे हैं। क्या चांदी डिविडेंड देती है? नहीं। क्या इस पर ब्याज मिलता है? नहीं। क्या आप चांदी को P/E के आधार पर आंक सकते हैं? नहीं।
खराब प्रदर्शन वाली चीजों में निवेश की सलाह नरेन ने निवेशकों को सलाह दी कि उन एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए जिन्होंने खराब प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि अगर सोना और चांदी ने बहुत बुरा प्रदर्शन किया है, तो सोना और चांदी में पैसा लगाएं। लेकिन अगर सोना और चांदी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, तो उनमें बहुत अधिक पैसा न लगाएं।
उन्होंने कहा कि अगर आवासीय रियल एस्टेट ने खराब प्रदर्शन किया है, तो आवासीय रियल एस्टेट में निवेश करें। अगर इक्विटी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, तो अपनी सारी पूंजी इक्विटी में न लगाएं। यानी उन चीजों से दूर रहना चाहिए जो पहले से ही बहुत महंगी हो चुकी हैं।