हनुमात कथा महोत्सव में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा हुई। इस कथा के आखिरी दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उनकी पत्नी कौशिल्या साय के साथ कई मंत्री पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री ने राज्य में गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने का आग्रह किया था।
महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी ‘गौ माता’ को ‘राज्य माता’ का दर्जा मिल जाएगा। कैबिनेट में चर्चा कर इसके लिए जो भी प्रक्रिया है, उसे पूरा कर जल्द ही इस संबंध में घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है। महाराष्ट्र के बाद गो माता को राज्य माता का दर्जा देने वाला छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य होगा। महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर-2024 में देशी गायों को ‘राज्यमाता-गौमाता’ घोषित किया है। विष्णुदेव साय की इस घोषणा के साथ ही धार्मिक और हिन्दू संगठनों ने इसे एक अच्छी और बड़ी पहल बताया है।
दरअसल, रायपुर के गुढ़ियारी में समाजसेवी बसंत अग्रवाल द्वारा आयोजित हनुमात कथा महोत्सव में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा हुई। इस कथा के आखिरी दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उनकी पत्नी कौशिल्या साय के साथ कई मंत्री पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री ने राज्य में गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने का आग्रह किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछले दिनों बाबा बागेश्वर ने कहा था कि तहसील स्तर पर गोठान बना दिया जाए। हमने गायों के संरक्षण के लिए गोधाम शुरू कर दिया है।
नक्सलवाद अंतिम सांसे गिन रहा’
CM सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है। अब उसकी कमर टूट गई है और वह अंतिम सांसे ले रहा है। यह प्रभु श्रीराम, हनुमानजी और बागेश्वर बाबा के आशीर्वाद से ही संभव हो पा रहा है। साय ने कहा कि मैं बाबा बागेश्वर को भरोसा दिलाता हूं कि जिस प्रकार से महाराष्ट्र में गाय को गौमाता का दर्जा दिया गया है, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही गाय को गौमाता का दर्जा देंगे। कैबिनेट की बैठक में चर्चा करके इसके लिए जो भी प्रक्रिया है, उसे पूरा कर जल्द ही इस संबंध में घोषणा की जाएगी।
‘राज्यमाता का दर्जा देना खुशी की बात’
पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा गौमाता को राजमाता का दर्जा देने की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि गाय की पूजा सदियों से माता के रूप में की जा रही है। गौमाता को राजमाता का दर्जा दिया जाए है तो यह खुशी की बात है। मुझे लगता है कि इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होगी। सनातन संस्कृति में हमेशा गौमाता की जय का नारा लगता है और गौमाता कहकर पूजते हैं। वहीं पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि बोलने और दुष्प्रचार करने में भाजपा माहिर है। उन्होंने कहा कि जब से सृष्टि बनी है… तब से गौमाता को गौ माता ही कहते हैं। यह सामान्य प्रक्रिया शुरू से चल रही है। छत्तीसगढ़ में गाय को माता कहते हैं।