भारतीय सेना ने शारीरिक फिटनेस से जुड़ी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है. ये नियम केवल जवानों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि सेना के सर्वोच्च अधिकारियों (तीन-स्टार कमांडर तक) को भी नियमित शारीरिक परीक्षण से गुजरना होगा. सेना की नई गाइडलाइन के अनुसार, सभी अधिकारियों और सैनिकों को साल में दो बार संयुक्त शारीरिक परीक्षा (Combined Physical Test) पास करनी होगी. सेना में नौकरी के नए नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे.
अब तक 50 साल तक के अफसरों और जवानों को हर साल 2 अलग-अलग फिटनेस टेस्ट- बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (PPT), पास करने होते थे. वरिष्ठ अधिकारियों को इससे छूट मिली हुई थी. नए नियमों के तहत, 60 वर्ष तक के सभी कर्मियों को ये टेस्ट देने होंगे. इससे सेना में समग्र शारीरिक सक्षमता और नेतृत्व का उदाहरण मजबूत होगा. आधुनिक युद्ध भले ही डिजिटल दिशा में बढ़ रहा हो, लेकिन सैनिक की शारीरिक और मानसिक क्षमता ही उसकी असली ताकत होती है.
सबको पास करनी होगा कंबाइंड फिजिकल टेस्ट
सेना ने जो पत्र जारी किया है, उसमें लिखा है कि अब BPET और PPT को मिलाकर संयुक्त ‘कंबाइंड फिजिकल टेस्ट’ बनाया गया है. इस टेस्ट का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा. इससे न केवल परीक्षण की संख्या घटेगी, बल्कि सैनिकों और अधिकारियों को खेल, एडवेंचर और हॉबीज़ जैसी अन्य एक्टिविटीज में शामिल होने के लिए ज्यादा समय भी मिल सकेगा.¥