‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ यह कहावत तुर्की पर सटीक बैठती है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया।
उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के आधार पर बातचीत की वकालत की। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया यद्ध का भी अपने भाषण में जिक्र किया।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्की भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम से खुश है, साथ ही उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान का भी आह्वान किया। साथ ही एर्दोगन ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई की तीखी आलोचना की। उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को सबसे जरूरी बताया।
हम भारत-पाकिस्तान युद्धविराम से खुश हैं-एर्दोगन एर्दोगन ने अपने संबोधन में कहा, “हम अप्रैल 2024 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद हुए युद्धविराम से खुश हैं, जो हिंसक टकराव में बदल गया था। हम चाहते हैं कि कि कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर, कश्मीर में हमारे बहनों और भाइयों के सर्वोत्तम हित में, बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए और ये बातचीत के जरिए हो।”
पहले भी तुर्की कर चुका है दखलअंदाजी बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की हो। इससे पहले भी वह कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठा चुके हैं। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान दौरे पर भी उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि तुर्की कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा है।
भारत का तुर्की को करारा जवाब एर्दोगन की टिप्पणियों पर हर बार भारत की ओर से करारा जवाब भी मिलता रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा एर्दोगन की टिप्पणी पर कहा था, “जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के बजाय पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति की निंदा करनी चाहिए, जो कश्मीरी लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आतंक पर भारत का सख्त रुख बता दें कि पिछले साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई 2024 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर हवाई हमले किए गए थे। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रही। फिर पाकिस्तान बार-बार भारत से युद्ध को रोकने की गुहार लगाने लगा। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम हुआ।