यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस विचार को खारिज कर दिया कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन में युद्ध में योगदान दे रहा है और सुझाव दिया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित ऐसे समाधान पेश कर सकते हैं जो भारत के लिए कारगर हों।
यूक्रेनी राष्ट्रपति, जो अपने देश में एक ऐसे युद्ध से गुजर रहे हैं जो 2026 में अपने चौथे चरण में प्रवेश करने वाला है, ने एक इंटरव्यू में भारतीयों से दूरी बनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा है कि भारत हमारे पक्ष में है। अमेरिका और यूरोपीय संघ को भारत के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने होंगे। भारत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
क्या बोले जेलेंस्की? जब जेलेंस्की से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि भारत और चीन “युद्ध में योगदान दे रहे हैं”। इसपर उन्होंने कहा, “नहीं, भारत ज्यादातर हमारे पक्ष में है। ऊर्जा के मामले में हमारी समस्याएं जरूर हैं, लेकिन उन्हें सुलझाया जा सकता है।”
अमेरिका ने भारत पर यूक्रेन में युद्ध के लिए धन मुहैया कराने का आरोप लगाया है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी कच्चा तेल खरीदने पर टैरिफ पेनल्टी लगाई है। भारत ने जवाब में कहा है कि वह ऐसे कदम उठाएगा जो उसके राष्ट्रीय हितों और उसके लोगों के हित में हों।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह स्वीकार किया कि रूस के खिलाफ रुख अपनाना अब चीन के हित में नहीं है और कहा कि ईरान कभी भी यूक्रेन के पक्ष में नहीं होगा, क्योंकि वह अमेरिका के खिलाफ है।
नई दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की सलाह जेलेंस्की ने कहा, “ईरान कभी भी हमारे पक्ष में नहीं होगा क्योंकि वह अमेरिका के पक्ष में नहीं होगा। चीन के साथ, यह और भी मुश्किल है क्योंकि आज रूस का समर्थन न करना उनके हित में नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऊर्जा के मामले में इस मुद्दे को “संभाल” सकते हैं और यूरोपीय संघ को नई दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की सलाह दी। उन्होंने “भारतीयों से दूरी” बनाने के खिलाफ चेतावनी दी।
जेलेंस्की ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत ज्यादातर हमारे साथ है। हां, ऊर्जा को लेकर हमारे सामने कुछ सवाल हैं, लेकिन मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप इसे संभाल सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यूरोपीय लोग भारत के साथ और भी घनिष्ठ और मजबूत संबंध बनाएं, और मुझे लगता है कि हमें भारतीयों से दूर न होने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।”