रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavrov) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ((American President Donald Trump)) द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ (Tariff) के बावजूद रूस के साथ तेल व्यापार पर भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि भारत ऐसे मामलों पर स्वयं निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है। लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सराहना करते हुए भारत के “आत्म-सम्मान” की तारीफ की। लावरोव ने कहा कि जयशंकर के साथ अपनी नियमित बातचीत में वह कभी भी तेल और व्यापार का मुद्दा नहीं उठाते हैं, क्योंकि भारत इन फैसलों को खुद लेने में पूरी तरह सक्षम है।
जयशंकर के जवाब का समर्थन लावरोव ने जयशंकर के एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिका तेल बेचना चाहता है तो भारत अपनी शर्तों पर चर्चा करेगा, लेकिन रूस या अन्य देशों से भारत क्या खरीदता है, वह उसका अपना मामला है और इसका भारत-अमेरिका एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है। लावरोव ने इस प्रतिक्रिया को बहुत योग्य बताते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि भारत, तुर्की की तरह, आत्म-सम्मान रखता है।
पुतिन की भारत यात्रा की योजना लावरोव ने पुष्टि की कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल दिसंबर में भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं। उन्होंने भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों का द्विपक्षीय एजेंडा बहुत व्यापक है।
अमेरिकी टैरिफ के बीच रूस का समर्थन लावरोव का यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है, और ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% शुल्क लगाया है। इस शुल्क में से 25% अतिरिक्त प्रतिबंध रूस के साथ तेल व्यापार के कारण लगाए गए हैं। हालांकि, भारत लंबे समय से यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीतियाँ बाज़ार में उपलब्ध सर्वोत्तम पेशकशों और प्रचलित वैश्विक स्थिति से निर्देशित होती हैं।