8 नवंबर, 2016 का दिन तो हर भारतीय को याद होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे अचानक 500 और 1,000 रुपये की करेंसी को चलन से बाहर करने का ऐलान कर दिया था. इस फैसले से पूरा देश सकते में था और ज्यादातर लोगों का यही कहना था कि पेटीएम जैसे ऑनलाइन भुगतान मंच को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार ने नोटबंदी की है. अब 9 साल बाद पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने खुद इस राज से पर्दा उठाया है. उन्होंने खुले मंच से नोटबंदी के कारणों और पेटीएम की भूमिका के बारे में बात की है.
डिजिटल भुगतान मंच पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को उनकी कंपनी ने किसी भी तरह से प्रेरित नहीं किया था. शर्मा ने यह भी कहा कि यदि उनकी कंपनी का इतना ही प्रभाव होता तो आज वह कई चुनौतियों से नहीं घिरी होती. ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025’ में शिरकत करने पहुंचे शर्मा ने पेटीएम के अब तक के सफर का जिक्र करते हुए कहा, ‘नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई तो लोग समझते थे कि हमने इसे प्रेरित किया. लेकिन, अगर हमारी इतनी ही औकात होती तो हम आज जैसी परेशानियों में नहीं घिरे होते.’