मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 15 मासूम बच्चों की जान ले लेने वाले कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप की हकीकत बेहद चौंकाने वाली है. यह सिरप बनाने वाली कंपनी स्रेशन फ़ार्मास्यूटिकल (Sresan Pharmaceutical) पिछले 14 साल से तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में एक जर्जर और गंदगी से भरी इमारत से काम कर रही थी.
इस फैक्ट्री में न दवा बनाने की बुनियादी सुविधाएं थीं, न साफ-सफाई का कोई इंतजाम, न ही कानून के मुताबिक निरीक्षण की प्रक्रिया अपनाई जाती थी. इतनी खतरनाक लापरवाही के बावजूद कंपनी को 2011 से लाइसेंस मिला हुआ था और दवाइयों का उत्पादन जारी रहा.
मौत के बाद खुला कारखाने का काला सच
छिंदवाड़ाI]K, में बच्चों की मौत की खबर ने आखिरकार तमिलनाडु की दवा नियंत्रण एजेंसियों को जगा दिया. मध्य प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग के पत्र के बाद तमिलनाडु टीम ने 1 अक्टूबर को जांच शुरू की और 2 अक्टूबर की छुट्टी के बावजूद अगले ही दिन जांच कर 3 अक्टूबर को फैक्ट्री को सील कर दिया.