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“‘जुल्म करने वालों की ही आभारी हैं’, मायावती ने की BJP की तारीफ तो अखिलेश यादव ने दागे कई सवाल”

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में रैली आयोजित कर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. अब मायावती के इस बयान पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया है, सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी अंदरूनी सांठ गांठ जारी है.

सपा चीफ अखिलेश यादव ने पूर्व सीएम मायावती के बयान पर पलटवार कहा, “समाजवादी पार्टी, नेता जी, लोहिया, का संघर्ष हमेशा रहा है, दबे कुचले गरीब शोषित लोगों को कैसे सम्मान दिया जाए और राजनीतिक हैसियत बधाई जाए. कांशीराम को इटावा सांसद बनाने के लिए नेताजी का योगदान था. उस समय की कम्युनल पॉलिटिक्स का हमने मुकाबला किया था.”

अखिलेश यादव ने कहा कि सपा की सरकार में मैनटिनेंस और रखरखाव के निर्देश दिए गए थे . एक बार मैंने देखा कि वहां खजूर के पेड़ सूख गए थे जो यहां लगवाए गए थे तो वहां मैने क्रोशिया के पेड़ लगवाए , कचनार के पेड़ लगवाए और पीपल लगवाए . उन्होंने कहा कि मायावती अगर जुल्म करने वालों की ही आभारी हैं तो क्या ही बताया जाए. कांशीराम की प्रतिमा रिवर फ्रंट पर बनाएंगे, 500 मीटर का पार्क होगा, भजापा की भाषा है .

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ” बीजेपी कहीं भी किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पाई. अभी बारिश में फसल का जो नुकसान हुआ. किसान के लिए क्या योजना बनाई? मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से भेड़िए देखने जाते हैं, हेलीकॉप्टर में मक्का का खेत देखने जाते हैं. सरकार ने एक किलो भी मक्का खरीदी हो तो बताइए.”

मायावती के बीजेपी की तारीफ करने पर दिया बयान

बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा भारतीय जनता पार्टी शासित यूपी सरकार की तारीफ करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि, “अंदुरनी सांठ गांठ जारी है.” अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि, मायावती के हमने भी कांशीराम की प्रतिमा लगवाई है. सपा की सरकार में मेंटीनेंस और रख रखाव के निर्देश LDA को दिए गए थे.”

वहीं बसपा प्रमुख मायावती द्वारा बीजेपी की प्रशंसा किए जाने पर सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि आज मायावती उस घटना के बारे में बोलेंगी जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश गवई साहब पर जूते फेंके गए थे. बीजेपी और उससे जुड़ी ताकतों ने उस घटना का जश्न मनाया और उन्हें हीरो बना दिया, लेकिन मायावती चुप रहीं. देश भर में, खासकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी शासन में, दलितों को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.”

मायावती ने सपा पर साधा था निशाना

दरअसल, बसपा सुप्रीमों मायावती ने लखनऊ में आयोजित रैली में कहा, “जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब इसका पैसा दबाकर रखा था, अभी वह कह रहे हैं की सरकार में आने के बाद कांशीराम जी के नाम पर संगोष्ठी करेंगे.” मायवती ने यह भी कहा, “जब वह सरकार में रहते हैं, तब ना उनको PDA याद रहता है और ना ही कांशीराम याद रहते हैं और सत्ता के बाद उनको PDA और कांशीराम याद हैं.”

मायावती ने सपा जैसे लोगों से दूर रहने की दी नसीहत

मायावती ने कहा, “समाजवादी पार्टी जैसे दोगले चरित्र वाले लोगों से आपको दूर रहना है. सत्ता में रहते हुए अखिलेश को कांशीराम और PDA का नारा याद नहीं आता. अब यह समाजवादी पार्टी अपने स्वार्थ में जबरन PDA का बारे देकर हवा हवाई बातें कर रही है, यह लोग आपको भ्रमित करने में लगे हुए हैं. समाजवादी पार्टी का PDA का नारा केवल खोखला है और ऐसे दोगलों से आप सभी को दूर रहना है.”