बिहार में सरकार गठन की तैयारी है। इसी बीच जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने चुनाव में कांग्रेस की हार के तार सांसद राहुल गांधी की प्लानिंग से जोड़े हैं। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने बिहार में समाजवादी नेता दिवंगत कर्पूरी ठाकुर की जन नायक की उपाधि हड़पने का प्रयास किया था, जिसके चलते उसे हार का सामना करना पड़ा।
बिहार में 61 सीटों पर लड़ी कांग्रेस 6 पर जीत हासिल कर सकी थी।
इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में त्यागी ने कहा, ‘राहुल और कांग्रेस ने खुलकर कर्पूरी ठाकुर के जन नायक की उपाधि को हड़पने की कोशिश की और चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि बिहार के लोगों ने इस प्रयास को असफल कर दिया। सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए कर्पूरी ठाकुर को उनके करीब 50 सालों के कामों के लिए लोगों ने उन्हें जन नायक की उपाधि दी थी। राहुल को जन नायक दिखाने के तौर पर दिखाने की कांग्रेस की कोशिश ने बिहार की जनता को नाराज कर दिया है। उन्होंने दिखा दिया है कि किसी को भी ठाकुर की उपाधि चुराने नहीं दी जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई भी महात्मा गांधी के बापू उपाधि या जयप्रकाश नारायण के लोक नायक उपाधि को लेने की कोशिश करेगा, तो उसका भी यही हाल होगा।’
कांग्रेस को भी चेताया
रिपोर्ट के अनुसार, त्यागी ने ओबीसी का मुद्दा उठाकर खुद को मंडल पार्टी दिखाने की कोशिश को लेकर भी कांग्रेस को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘1978 में जब कर्पूरी ठाकुर सरकार ने बिहार में मुंगेरी लाल आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था और ओबीसी, ईबीसी और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया था। तब कांग्रेस ने विरोध किया था।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकारों ने ओबीसी कोटा के लिए हमेशा मंडल आयोग के प्रस्तावों को दबाया है। जब वीपी सिंह सरकार ने इसे लागू करने की कोशिश की, तो राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने विरोध किया। कांग्रेस की 10 सालों की सरकार के दौरान राहुल गांधी काफी प्रभावशाली रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी जातिगत जनगणना, ओबीसी हित या 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण कोटा बढ़ाने और इसे 9वें शेड्यूल में शामिल करने की बात नहीं की। इसके लिए ही समाजवादी लड़ते रहे।’
त्यागी ने कहा, ‘सभी सभी चुनावी दांव फेल हो गए, तो राहुल ने मौका देखकर खुद को और कांग्रेस को सामाजिक न्याय और ओबीसी राजनीति का चैम्पियन दिखाने की कोशिश की। ऐसा उन्होंने सत्ता में रहते हुए कभी नहीं किया। जब राहुल जी ने खुद को सामाजिक न्याय का चैम्पियन के तौर पर दिखाने की कोशिश की, तो बिहार ने इसे खोखला बताकर खारिज किया। यहां तक कि कांग्रेस नेताओं और समर्थक भी इससे सहमत नहीं हुए और कभी उनका समर्थन नहीं किया।’
एनडीए की जीत
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने राज्य की 243 सीट में से 202 सीट पर जीत हासिल की। गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 89 और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने 85 सीट जीतीं। जबकि, महागठबंधन के बड़े दल राजद 25 और कांग्रेस 6 सीटों पर सिमट गई थी।



