SIR Row: पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर घमासान मचा हुआ है। ममता बनर्जी इस प्रक्रिया के खिलाफ गुरुवार को चुनाव आयोग को पत्र लिख चुकी हैं। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने दो टूक कहा है कि चाहे कुछ भी हो बंगाल में एसआईआर होकर रहेगा।
इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एसआईआर प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया देश के लिए जरूरी है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, भारत में घुसपैठ को रोकना न केवल देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी घुसपैठ को रोकना जरूरी है। मगर दुर्भाग्य की बात है, कुछ राजनीतिक दल इन घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा लेकर निकले हैं, और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में जो शुद्धिकरण का काम हो रहा है, उसके खिलाफ हैं।
अवैध वोट बैंक को बचाने की कोशिश कर रही टीएमसी: बीजेपी
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निर्वाचन आयोग को ”कमजोर” करने और ”एक अवैध वोट बैंक को बचाने” की कोशिश करने का आरोप लगाया, जिसे उनकी पार्टी ने ”वर्षों तक पोषित” किया।
पत्र भ्रामक, राजनीति से प्रेरित: शुभेंदु अधिकारी
विधानसभा में विपक्ष की नेता ने बृहस्पतिवार देर रात चार पृष्ठों के अपने जवाबी पत्र के साथ पलटवार करते हुए बनर्जी के पत्र को ”भ्रामक, राजनीति से प्रेरित और तथ्यात्मक रूप से विकृत” बताया। अधिकारी ने कहा, ”मुख्यमंत्री का पत्र चुनाव अधिकारियों के बीच मतभेद पैदा करने, भारत निर्वाचन आयोग के संवैधानिक जनादेश को बदनाम करने और अयोग्य एवं अवैध तत्वों के वोट बैंक की रक्षा करने का एक सोचा-समझा प्रयास है, जिसे उनकी सरकार ने वर्षों से पोषित किया है।”
ममता बनर्जी ने पत्र में क्या लिखा?
ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को ”अराजक और बलपूर्वक” बताया था। अपने आक्रामक लहजे में उन्होंने बनर्जी पर बूथ स्तर के अधिकारियों को ”धमकाने” और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ ”अस्वीकार्य आक्षेप” लगाने का आरोप लगाया।



