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“8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग और DA/DR पर सस्पेंस खत्म, 2 दिसंबर को वित्त मंत्री देंगी बड़ी राहत!”

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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है। आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) और महंगाई भत्ते (DA/DR) को लेकर कई बड़े सवालों पर 2 दिसंबर को राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जवाब दे सकती हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में दिए जाने वाले इन जवाबों से कर्मचारियों को तुरंत राहत मिलेगी या नहीं, इस पर से पर्दा उठ जाएगा।

राज्यसभा के सदस्यों (जावेद अली खान और रामजीलाल सुमन) द्वारा सरकार से तीन मुख्य सवाल पूछे गए हैं, जिनका जवाब वित्त मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा। ये सवाल सीधे तौर पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को प्रभावित करते हैं:

सवाल 1: क्या 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा (अधिसूचना) जारी कर दी गई है? अगर हां, तो इसमें क्या-क्या नियम (Terms of Reference) तय किए गए हैं।

सवाल 2: क्या कर्मचारियों को तुरंत राहत देने के लिए मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन (Basic Pay) या पेंशन में मिलाया (Merge) जाएगा? अगर हाँ, तो कब? अगर नहीं, तो कारण क्या है?

सवाल 3: क्या 8वें वेतन आयोग के दायरे में पेंशनभोगियों की पेंशन में बदलाव (Revision) का प्रस्ताव शामिल है? यदि नहीं, तो क्यों?

इन सवालों के जवाब से यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से पहले कर्मचारियों को कोई अंतरिम राहत देगी या नहीं।

8वें वेतन आयोग पर मौजूदा स्थिति (गठन और समय-सीमा)

8वें वेतन आयोग का गठन हो चुका है। इसमें जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में IIM बैंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को सदस्य नियुक्त किया गया है। आयोग को 18 महीने में सरकार को अपनी सैलरी रीस्ट्रक्चरिंग रिपोर्ट सौंपनी है। माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी और नया फिटमेंट फैक्टर क्या होगा।

दरअसल, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसके चलते मिनिमम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी। अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो सकता है।

कर्मचारी और पेंशनभोगी क्यों हैं चिंतित?

हाल ही में 8वें वेतन आयोग के लिए जारी किए गए नियमों (ToR – Terms of Reference) को लेकर कर्मचारी संघों में चिंता है, खासकर दो मुख्य बातों पर:

  1. पेंशन रिवीज़न पर अस्पष्टता: पिछले सभी वेतन आयोगों में पेंशनभोगियों की पेंशन में बदलाव (Revision) साफ तौर पर शामिल होता था। इस बार के ToR में इस पर कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे पेंशनर्स (लगभग 69 लाख) डरे हुए हैं कि कहीं उनकी पेंशन रिवीज़न को बाहर न कर दिया जाए।
  2. DA/DR विलय की मांग: कर्मचारी संघ लंबे समय से महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे हैं, खासकर तब जब DA 50% के निशान को पार कर चुका है। वित्त मंत्री का जवाब यह स्पष्ट करेगा कि यह राहत तुरंत मिलेगी या इसे 2027 में अंतिम रिपोर्ट आने तक टाल दिया जाएगा।

अगले सप्ताह, 2 दिसंबर को वित्त मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले जवाब पर सभी केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी की निगाहें टिकी रहेंगी।