राजनांदगांव। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) छत्तीसगढ़ का 58वां तीन दिवसीय प्रांत अधिवेशन 19, 20 और 21 दिसंबर को दुर्ग जिले की इस्पात नगरी भिलाई स्थित कला मंदिर, भगवान बिरसा मुंडा नगर में आयोजित हुआ। अधिवेशन छात्रहित, शिक्षा की गुणवत्ता, संगठन विस्तार और राष्ट्रनिर्माण जैसे मुद्दों पर मंथन का मंच बना।
अधिवेशन का शुभारंभ ध्वजारोहण व उद्घाटन सत्र से हुआ। इसमें अभाविप के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विकास पांडे और प्रदेश मंत्री अनंत सोनी ने पदभार ग्रहण किया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विशिष्ट अतिथि के रूप में अभाविप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी मौजूद रहे।
अधिवेशन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखड़िया, जनजाति कार्य के अखिल भारतीय प्रमुख निलेश सोलंकी, क्षेत्रीय जनजाति कार्य प्रमुख रामधार और प्रदेश संगठन मंत्री महेश साकेत की विशेष उपस्थिति रही। विभिन्न सत्रों में शिक्षा व्यवस्था, छात्र समस्याओं और संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा की गई।
अधिवेशन के समापन से पहले संगठनात्मक दायित्वों की घोषणा की गई। इसमें राजनांदगांव के सक्रिय कार्यकर्ता अक्षत श्रीवास्तव को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। संगठन के प्रति उनकी सक्रियता और छात्रहित से जुड़े मुद्दों पर निरंतर कार्य को देखते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके चयन से जिले सहित प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया।
नवनियुक्त प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अक्षत श्रीवास्तव ने कहा कि यह दायित्व उनके लिए सम्मान के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी है। वे विद्यार्थियों की समस्याओं, शैक्षणिक सुधार और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे।
अधिवेशन का समापन ज्ञान-शील-एकता के उद्घोष के साथ हुआ। इस दौरान छात्रहित और राष्ट्रनिर्माण के लिए निरंतर संघर्ष का संकल्प लिया गया।



