आपको बता दें, कि प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी की तिथि पर भगवान भैरव की विशेष रूप से पूजा अर्चना व साधना की जाती हैं वही तंत्र मंत्र के साधकों के मुताबिक भगवान भैरव को परम शक्तिशाली रुद्र बताया गया हैं वही इन्हें देवाधिदेव भगवान शिव का भी अवतार माना जाता हैं। इनकी पूजा से सभी तरह के भय दूर हो जाते हैं।
वही भगवान भैरव की विशेष पूजा अर्चना वाली पावन तिथि कालाष्टमी इस माह 25 जून यानी की आज के दिन मनाई जा रही हैं भगवान भैरव एक ऐसे देवता माने जाते हैं, जिनकी साधना करने वाले भक्त पर किसी भी तरह की कोई उपरी बाधा, भूत प्रेत, जादू टोने आदि का खतरा नहीं रहता हैं जीवन में संकटों से भी मुक्ति मिल जाती हैं।
जानिए कालाष्टमी की पूजा विधि—
आपको बता दें, कि कालष्टमी के दिन भगवान भैरव के साथ देवी दुर्गा की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। वही विदित हो कि देश के तमाम शक्तिपीठ और सिद्धपीठ में देवी दर्शन के बाद भगवान भैरव के दर्शन किए जाते हैं वही जो शिव और शक्ति का साधक भगवान भैरव की प्रतिदिन साधना आराधना करता हैं उसके लाखों जन्मों में किए हुए पाप नष्ट हो जाते हैं वही हिंदू धर्म शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता बताया गया हैं वही काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल तरीका यह हैं, कि काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। वही इस उपाय से काल भैरव के साथ साथ शनि देव भी प्रसन्न हो जाते हैं।