छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को लेकर सियासी संग्राम एक बार फिर से शुरू हो गया है. सूबे में चुनाव से पहले अजीत जोगी की जाति को लेकर खूब राजनीति हुई लेकिन अब इस पर कोई बात तक नहीं करना चाहता है. सत्ता में रहते हुए अजीत जोगी की जाति मामले को उछालने वाली बीजेपी के प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि मामला कोर्ट में है, इसलिए कुछ कहना उचित नहीं है. वहीं, सत्ताधारी दल कांग्रेस अब अपनी ही पार्टी से कभी मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी को अप्रसांगिक मानने लगी है.
जोगी ने भी कर ली है जाति बताने की पूरी तैयारी
इस बार अजीत जोगी ने भी अपनी जाति को बताने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. दरअसल अजीत जोगी की जाति का विवाद साल 2000 से चल रहा है. अक्टूबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईपावर कमेटी का गठन कर जोगी की जाति का पता लगाने का आदेश दिया. कमेटी को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन इसका गठन ही 2013 में किया जा सका. इस कमेटी की रिपोर्ट दबी रही. बाद में एक और कमेटी बनाई गई और जून 2017 में इसकी रिपोर्ट आई. हाईपावर कमेटी ने जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद अजीत जोगी हाईकोर्ट चले गए.
कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर आरोप लगाते हैं जोगी
जाति के मामले में अजीत जोगी कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर आरोप लगाते हैं. अजीत जोगी कहते हैं कि पहले तो बीजेपी सरकार ने 15 साल तक परेशान किया और अब भूपेश सरकार उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है. जोगी की छत्तीसगढ़ की राजनीति में शीर्ष पर आने के बाद उनके साथ विवाद जुड़ता गया. जाति के इस मामले में जोगी खुद को कैसे सही साबित करते हैं. यह तो आने वाला समय ही बताएगा.