पीपल के पेड़ को धार्मिक ग्रंथो में ऐसे एक पूजनीय पेड़ मन गया है और कहा गया है की इसमे 56 करोड़ देवी देवता निवास करते है। धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आयुर्वेद की दृष्टि से भी पीपल का पेड़ उपयोगी है। ऐसे आयुर्वेद में औषधियों का खजाना नाम दिया गया है। यह पेड़ कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
मुंह के छाले में :- यदि आपके मुँह में छाले हो रहे है तो आप पीपल की डाली के दातुन करे और इसके कोमल पत्तों को चबाये, ऐसा करने से आपके मुंह के छाले, दुर्गंध, पायरिया व मसूढ़ों की सूजन सधी से आपको छुटकारा मिल जायेगा।
पेट की समस्या :- यदि आपको दस्त लग गए है और आपको माल के साथ खून भी आने लग गया है तो आप पीपल के पत्तों के नर्म डंठल को साबुत धनिया व शक्कर के साथ चबाते हुुए धीरे-धीरे रस ले. ऐसा करने से आराम प्राप्त होगा।
पेशाब में संक्रमण :- यदि आपको यूरिन सम्बंधित शिकायत है तो आप पीपल के 5-7 हरे पत्तों को 250 मिलिलीटर पानी के साथ पीस लें. इसमें 1 चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम ले।
लिवर की समस्या :- पीपल व लसोड़े के 5-7 पत्ते एक साथ लेकर 250 मिलिलीटर पानी में पीस लें। इसमें थोड़ा नमक मिलाकर सुबह-शाम 10 दिनों तक लेने से लिवर संबंधी रोगों में लाभ होता है।
दिमाग की कमजोरी :- यदि आपको कुछ याद नहीं रहता और आपका दिमाग काम नहीं करता है तो आप रोजाना लगभग 10 पीपल की कोमल पत्तियों को 400 ग्राम दूध के साथ अच्छी तरह से उबाल लें। इसे छानकर इसमें स्वादानुसार पिसी हुई मिश्री मिलाकर सुबह नाश्ते के समय पिए ऐसा करने से आपकी याददाश्त की कमी व तनाव जैसी समस्याएं दूर हो जाएगी।