विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ-पत्रों में आय की जानकारी छिपाने के संदेह में आयकर विभाग ने 9 निर्वाचित विधायकों और एक पराजित प्रत्याशी को समन जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा है। इन विधायकों में विधानसभा स्पीकर एदल सिंह कंसाना भी शामिल हैं।
विभाग नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, मंत्री लाखन सिंह यादव, शशांक भार्गव, मीरा यादव को पहले समन भेज चुका है। यह पूरी कार्रवाई चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की जा रही है। 2018 में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों के आय और संपत्ति के दस्तावेजों की पड़ताल की गई थी। जानकारी मेल नहीं खाने से इसमें पहले चरण में भी इन सभी नेताओं को नोटिस जारी करके जवाब मांगे गए थे, लेकिन जिन विधायक और मंत्रियों के जवाब संतोषप्रद नहीं मिले, उन्हें दोबारा समन भेजे गए।
इन विधायकों को भी भेजे समन :
छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी, खरगापुर के राहुल सिंह लोधी, ग्वालियर दक्षिण सीट से प्रवीण पाठक, सेंवढ़ा से घनश्याम सिंह, गोहद से रणवीर जाटव, भिंड से संजीव सिंह, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाहा, टीकमगढ़ से राकेश गिरी गोस्वामी और सोहागपुर से कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी सतपाल पालिया शामिल हैं।
कंसाना बोले- नोटिस की मुझे जानकारी नहीं :
इन ज्यादातर विधायकोें ने इस तरह के समन की जानकारी न होने की बात कही है। आलोक चतुर्वेदी और एदल सिंह कंसाना ने बताया कि मुझे नोटिस की जानकारी नहीं है। मेरे यह सारे काम सीए देखता है। इसलिए नोटिस की जानकारी भी उसी को होती है।
आय की जानकारी स्पष्ट नहीं थी :
चुनाव के बाद जिन प्रत्याशियों की आय और संपत्ति की जानकारियां स्पष्ट नहीं थी, उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिनके स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं थे उन्हें अब ऩोटिस और समन जारी किए गए हैं।
– आलोक जौहरी, डायरेक्टर, इंटेलीजेंस, आयकर विभाग, मप्र और छग
जानकारी छिपाने की कोशिश की :
चुनाव आयोग ने ऐसे सभी प्रत्याशियों की जांच करने को कहा था, जिन्होंने या तो अपनी आय कम करके बताई या फिर किसी अचल संपत्ति की जानकारी छुपाने की कोशिश की है। इसके लिए चुनाव आयोग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) समन्वय से काम कर रहे हैं। हमने 2013 और 2018 दोनों विधानसभी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की आय में आए बड़े अंतर, पैन न होने के बाद भी 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति होने और 2 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति की जानकारी देने वाले नेताओं की जांच करने के लिए आयकर विभाग से कहा था। इसके साथ ही उन्हें सभी विजेता प्रत्याशियों के शपथ पत्र स्वत: चैक करने थे। इसी आधार पर यह कार्रवाई की जारी है। (वीएल कांताराव, आयुक्त, चुनाव आयोग, मप्र)
50 विधायक जांच के दायरे में
सूत्रों ने बताया कि करीब 50 विधायक और मंत्री जांच के दायरे में हैं। इनमें से 15 को समन मिल चुके हैं। शेष 35 नेताओं को अगले दो से तीन हफ्तों में यह समन मिल सकते हैं। यह समन आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत भेजे जा रहे हैं।