शकुनि को एक कुशल कूटनीतिज्ञ के रूप में दर्शाया गया है। शकुनि गंधार साम्राज्य का राजा था जो आज अफगानिस्तान में है। वह गंधारी का भाई और दुर्योधन का मामा था। वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था। ये सभी को पता है कि अगर शकुनि नहीं होता तो महाभारत का युद्ध न होता।
लेकिन शकुनि कौरवों से तनिक भी प्रेम नहीं करता था बल्कि उसने यह नाटक हस्तिनापुर राजवंशियों से प्रतिशोध लेने के लिए किया था। यही वजह है कि वह कुरुक्षेत्र के युद्ध के लिए दोषियों में प्रमुख माना जाता है।
शकुनि के ही कारण कौरव और पांडव एक-दूसरे के दुश्मन बन गए थे। शकुनि महाभारत का सबसे रहस्यमयी पात्र था। दुर्योधन की कुटिल नीतियों के पीछे शकुनि का हाथ माना जाता है और उसने कई बार पाण्डवों के साथ छ्ल किया और अपने भांजे दुर्योधन को पाण्डवों के प्रति कुटिल चालें चलने के लिए उकसाया।
शकुनि का मनपसंद खेल चौसर था। वह पासे में जो अंक कहता वहीं आता था। इस चौसर के खेल ने शकुनि ने द्रौपदी का चीरहरण करवाया, पांडवों से उनका राजपाट छीनकर वनवास के लिए भेजा।
शकुनि का अपने पासों के प्रति प्यार गांधारी के जन्म से जुड़ा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चौसर के खेल में शकुनि ने जिन पासों का प्रयोग किया था, वह शकुनि के पिता की अस्थियों से बने थे। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या था इसकी वजह कि पिता की अस्थियों से बना था पासा?
विवाह के उपरांत जब धृतराष्ट्र को गांधारी की विधवा वाली बात का पता चला तो वह आगबबूला हो गया और पूरे गांधार राज्य को समाप्त कर दिया केवल शकुनि को ही जीवित रखा गया। जिसके बाद शकुनि ने कुरुवंश को समाप्त करने की ठान ली।
ये भी कहा जाता है कि भीष्म पितामह ने हस्तिनापुर साम्राज्य के विस्तार करने के लिए कंधार पर आक्रमण कर दिया था। इसके बाद कंधार के समस्त राज परिवार को बंदी बना लिया गया और उन्होंने शकुनि के पिता एवं भाइयों पर अत्याचारों की सभी सीमाएं तोड़ डालीं।
मृत्यु से पहले शकुनि के पिता ने कुरुवंश से प्रतिशोध लेने का आदेश दिया था। शकुनि के पिता ने शकुनि से कहा कि वह मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों से पासे का निर्माण करे। ये पासे शकुनि की इच्छा पर ही काम करेंगे और कुरुवंश का नाश करने के लिए शकुनि की सहायता करेंगे। शकुनि ने ठीक ऐसा ही किया और इन पासों का प्रयोग करके शकुनि ने एक भाई को दूसरे भाई का शत्रु बना दिया।
शकुनि के पासों के रहस्यों के बारे में कई अलग-अलग कथाएं और मत हैं। कुछ लोग कहते हैं कि शकुनि के पास जो पासे से थे, वह उसके माता-पिता की हड्डियों के थे। पिता की मृत्यु के बाद शकुनि ने अपने पिता की हड्डियां अपने पास रखी थी। वह जुआ खेलने में बहुत निपुण था, जिसकी वजह से उसने कौरवों के प्रति इसका मोह जगाया।
ऐसा भी कहते हैं कि शकुनि के पास में एक भंवरा था जो हमेशा शकुनि के पैरों की ओर आकर गिरा। शकुनि के बदले की कहानी वेदव्यास की महाभारत में नहीं मिलती। यह लोक कथा के आधार पर है जिसमें कहा गया कि धृतराष्ट्र ने शकुनि के माता पिता को जेल में डाला जिससे वह मर गए थे। बहुत से लोग कहते हैं कि शकुनि के पासे हाथी दांत से बने थे और वह सम्मोहन और माया जाल से पासों को अपने पक्ष में डाल देता था।