लोगों को चूना लगाने के लिए साइबर ठगों (Cyber Criminals) ने अब एक नया तरीका निकाला है. ट्रू कॉलर (Truecaller) की मदद से बैंक अकाउंट (Bank Account) से पैसा निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा (Noida) में सामने आया है. पीड़ित को ठगे जाने का पता एक दिन बाद चला. ठग ने उस शख्स के खाते से हजारों रुपए उड़ा लिए.
कॉलर से ऐसे की ठगी
पीड़ित युवक प्रकाश नारायण ने कोतवाली सेक्टर-24 में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा है कि एक दिन उसके मोबाइल पर एक कॉल आई. ट्रू कॉलर पर नम्बर के साथ एसबीआई बैंक मैनेजर लिखा आ रहा था. जब उस नम्बर पर बात की तो दूसरी ओर से कॉल करने वाले ने अपना नाम रोहित भारद्वाज बताया. साथ ही कहा कि वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में बैंक मैनेजर है.
उसने कहा कि आपका एटीएम कार्ड बंद है. उसे चालू करा लिजिए. कार्ड चालू करने के लिए कथित मैनेजर ने पीड़ित से किसी दूसरे बैंक खाते का नम्बर, एटीएम कार्ड नम्बर, पिन और सीवी नम्बर मांगा. जो पीड़ित ने एक-एक कर दे दिया. थोड़ी देर बात पीड़ित उस नम्बर पर कॉल करके पूछा तो बताया गया कि आपका एसबीआई का एटीएम कार्ड अब एक्टिवेट हो गया है. इसके थोड़ी देर बाद ही प्रकाश नारायण के खाते से तीन बार में 10-10 हजार कर के 30 हजार रुपये निकाल लिए गए. प्रकाश ने फिर फोन किया तो बताया कि यह गारंटी मनी है और अगले 12 से 14 घंटे में वापस आ जाएगी. लेकिन, जब दो दिन बीतने पर भी रुपये वापस नहीं आए तो प्रकाश को समझते देर नहीं लगी कि उसके साथ ठगी हो चुकी है.
ट्रू कॉलर पर ऐसे आता है नाम ट्रू कॉलर पर नम्बर के साथ नाम आने के बारे में आईटी एक्सपर्ट यश कुशवाहा बताते हैं कि ट्रू कॉलर कॉल के साथ आपके उस नाम को दिखाता है जो किसी दूसरे के मोबाइल में आपके नम्बर के साथ सेव है. ट्रू कॉलर सबसे पहले उस नाम को दिखाएगा जो सबसे ज्यादा फीड किया गया होगा. अब नोएडा के पीड़ित को कॉल आने के साथ ही एसबीआई बैंक मैनेजर इसलिए दिखाई दिया, क्योंकि ठग ने उस नम्बर को अपने दूसरे साथियों के मोबाइल में एसबीआई बैंक मैनेजर के नाम से सेव करा दिया होगा.